ॐ
जिस दिन व्यक्ति अपने को विश्व के साथ एक अनुभव करता है उस दिन जो ध्वनि बरसती है वह है ओमकार जिस दिन व्यक्ति का आकर से बंधा आकाश निररकर आकाश में गिरता है जिस दिन व्यक्ति की छोटी सी सीमित लहर असीम सागर में खो जाती है उस दिन जो संगीत का, मूल मन्त्र का अनुभव होता है उसी का नाम ओमकार है एक संगीत जिसे