shabd-logo

काश!

3 मार्च 2022

28 बार देखा गया 28

काश! हम में से कोई झुक जाता

तो यह रिश्ता खत्म ना होता...

काश! अमेरिका नाटो की बात न करता

तो यह युद्ध शुरू ना होता...

काश! यूक्रेन झुक जाता

तो युद्ध के बाद...

सभ्य असभ्य मानवता पर

कविताएं- कहानियां लिखी न जाती।

- विनीत मिश्र

VINEET KUMAR MISHRA की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए