काश! हम में से कोई झुक जाता तो यह रिश्ता खत्म ना होता... काश! अमेरिका नाटो की बात न करता तो यह युद्ध शुरू ना होता... काश! यूक्रेन झुक जाता तो युद्ध के बाद... सभ्य असभ्य मानवता पर कविताएं- कहानि
हिमालय पर्वत सदियों से भारत का रक्षक और पोषक रहा है |इसकी प्राकृतिक सम्पदा ,चाहे वह वन संपदा हो या खनिज संपदा - ने जनजीवन को धन - धान्य से भरपूर किया है , तो इसके हिमनद सदानीरा नदियों के एकमात्र जल स्त