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बिंझबायला क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा ही यहां की आधुनिक खेती

16 जनवरी 2022

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मावड़िया धिरानिया की छत्र छाया में पल कर बडा हो रहा *बिंझबायला* अब दिनोंदिन तरक्की के नए नए आयाम को छू रहा है| यहां का बाजार जिस तरह से  सुदृढ़ हो रहा है उसके मुख्य दो ही कारण है पहला बाया जी मेला दूसरा यहां की आधुनिक खेती।  यहाँ की किसानी  दिनोंदिन तकनीकी को छू रही है यहां के प्रगतिशील किसान परम्परागत कृषि को छोड़ आधुनिक कृषि के ओर भी बढ़ रहे है जो क्षेत्र के चहुँओर विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो रही है आधुनिक कृषि में यहां के किसान गोभी,गाजर, मूली के बीज की खेती एव  अंजीर ,किनोवा, चीकू ,किन्नू ,मौसमी ,गवारपेठा गुलाब जैसी मंहगी खेती कर रहे है जिसकी पैदावार भी अधिक है एव जहरीले रसायनों के प्रयोग से भी छुटकारा मिल रहा है आमदन बढ़ने के क्षेत्र भी दिनोदिन सम्पन्न हो रहा है कृषि यंत्रों में भी यहां की किसानी दिनोदिन भारतीय जुगाड़ बिठा समय व धन की बचत का तरीका निकालने में शोध करती रहती है यहां कुँए चलाने के लिए वर्षों पहले किसानों ने भाप का इस्तेमाल किया हालांकि सोलर आने के बाद वो चलन से बाहर हो गए लेकिन कुछ नया करने की क्षमता आज भी उनके दिमाक को खाली नही रहने देती । दिनोंदिन खेती में बढ़ रही प्रतिस्पर्धा ने जरूर कीटनाशक के  इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है लेकिन जैसे ही बागडोर युवाओ के हाथों में आ रही है वैसे ही वो कीटनाशकों को छोड़ जैविक खाद के इस्तेमाल को बढ़ा कर क्षेत्र के स्वास्थ्य को ओर मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे है इन प्रयासों को प्रभावित कर रहे है तो सिर्फ  नहरों में आ रहा जहरीला पानी ।  इसे बंद करवाने के लिए यहां का किसान प्रयासरत है एवं इस हेतु हो रहे आंदोलनों का ये क्षेत्र अगवा है और आशा है एकदिन इसमें भी मावड़िया की ये पवित्र भूमि जरूर सफल होगी। बिंझबायला क्षेत्र का किसान अपने हक के लिए लड़ने में भी सदैव आगे रहा है भले किसानी के हक की बात कही से उठे यहां के किसान उसके समर्थन में एकजुट दिखालाई पड़ते है 

गगनदीप पारीक Gagandeep pareek


श्रीगंगानगर मोबाइल 8432246500

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