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मन स्पंदन

मन स्पंदन

मन में लगे भावनात्मक तारों को स्पंदन करवाने हेतु भावनात्मक मुद्दों से जुड़ी कविताएं एव कहानियां

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मन स्पंदन

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मन में लगे भावनात्मक तारों को स्पंदन करवाने हेतु भावनात्मक मुद्दों से जुड़ी कविताएं एव कहानियां

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मनभावक वचन

मनभावक वचन

पुस्तक में अनेक तरह के मनभावक वाक्य लिखे है जो जमीनी हक्कीत से जुड़े हुए है आपके ओर मेरे सांझे है

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मनभावक वचन

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पुस्तक में अनेक तरह के मनभावक वाक्य लिखे है जो जमीनी हक्कीत से जुड़े हुए है आपके ओर मेरे सांझे है

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माँ

28 मार्च 2022
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माँ दुनिया की सबसे खूबसूरत इंसान है पर कभी इसे सुंदरता का पुरस्कार नही मिला क्योकि इसकी खूबसूरती का कोई पैमाना ही नही है।

माँ

28 मार्च 2022
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इंसान की बनाई मूर्ति में जो भगवान ढूंढ रहे है शायद उन्हें माँ के बारे में पता नही

महिला और तेजी से बदलता समाज

8 मार्च 2022
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महिला और बदलता समाज(गगनदीप पारीक)आज समाज व उसका दृष्टिकोण बहुत ही तीव्र गति से बदलता जा रहा है ये वो ही समाज है जो महिला को अबला कहता आया आज वो ही समाज है जो इसे समानता का दर्जा दे रहा है। त्याग की इस

कौन है दोस्त ?

19 फरवरी 2022
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कौन है दोस्त ?आईए सात बिंदुओं से समझते है पहला :- आपसे अपने स्वार्थ खातिर कितने जुड़े है और किनसे आप खुद स्वार्थ खातिर जुड़े है इन्हें छोड़कर अगर एक आधा बच जाये वो दोस्त है अगर नही

बापू  तू  बड़ा याद आता है

25 जनवरी 2022
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घर आने में पल भर की देरी में तेरे फोन कॉल की लाइन लग जाना बड़ा याद आता है।देरी के बाद इंतजार में तेरा दरवाजे पर खड़ा रहना बड़ा याद आता है।रोजा

बालिका एवं हमारा समाज

24 जनवरी 2022
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बालिका ओर हमारा समाजसरकार के अनेक प्रयासों एवं शिक्षा के बलभुते पर आज हमारा समाज उस जगह खड़ा है जंहा बालक बालिका में कोई भेदभाव नही किया जा रहा है हालांकि वर्षों तक हमारा समाज बालिका को कमजोर समझता आया

पापा

24 जनवरी 2022
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मां पर मेरा पहला विश्वास थे पापा परिवार का पूरा आसमान थे पापा बोलना सीखा तब सबसे आसान शब्द था पापा अब आप सबसे मुश्किल शब्द बन गये हो पापा मां से भले संस्कार मिले थे पापा जीवन जीने के सिद्बात आपसे मिल

बिंझबायला क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा ही यहां की आधुनिक खेती

16 जनवरी 2022
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मावड़िया धिरानिया की छत्र छाया में पल कर बडा हो रहा *बिंझबायला* अब दिनोंदिन तरक्की के नए नए आयाम को छू रहा है| यहां का बाजार जिस तरह से  सुदृढ़ हो रहा है उसके मुख्य दो ही कारण है पहला बाया जी मेला दूसरा

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