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लगन

19 सितम्बर 2021

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प्रभु जी तोरी लगन लागी
हो गई कुसुम बैरागी ।
प्रभु जी मैं तोरी दासा
 ज्यों कबीर ज्यों रैदासा ।
नईया करो मोरी पार
 छूटे नाहीं यो संसार ।
प्रभु जी मैं को धन अपार 
मिटाओ कुत्सित विचार ।
प्रभु जी झांको मेरी ओर 
खो ना जाए जीवन में भोर ।
प्रभु जी थां बिन दुजो न कोय 
मीरा दासी को विष अमृत होय ।
प्रेम निशदिन उमंगी
पांचों तत्वों में आप हो संगी ।
आप हो प्रभुजी तन मन में समायो 
गुरु ज्ञान मिल्यो ध्यान लगायो ।
प्रभु जी अखियां हो गई प्यासी
जो कृष्ण बिन राधा उदासी ।
तुम रो दर्शन निश दिन भावे
तीन लोक तुमरे दर्शन में पावे ।।

आलोक सिन्हा

आलोक सिन्हा

बहुत सुन्दर

19 सितम्बर 2021

Kusum

Kusum

19 सितम्बर 2021

धन्यवाद 🙏🙏

Kundan Thakur

Kundan Thakur

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

19 सितम्बर 2021

Kusum

Kusum

19 सितम्बर 2021

धन्यवाद 🙏🙏

Shailesh singh

Shailesh singh

बहुत ही अच्छी कविता

19 सितम्बर 2021

Kusum

Kusum

19 सितम्बर 2021

धन्यवाद 🙏🙏

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