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सेवा निवृत प्रधानाचार्य शिक्षा एम ए-( इतिहास , हिंदी ) जन्म 15अगस्त1942; बुलंदशहर | वर्तमान में बेटे के पास साहिबाबाद में | रुचियाँ - कविताएँ ,कहानियां ,व्यंग्य ,शब्दचित्र , गजल , मुक्तक आदि लिखने मैं बचपन से अभिरूचि | अनेक कवितायेँ गीत लेख कहानियां प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित | एक कविता संग्रह मन की वीथियाँ प्रकाशित व दो कहानी संग्रह लगभग प्रकाशन के लिए तैयार |

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-01-30

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कविताएँ , कहानी शब्दचित्र , मुक्तक आदि

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<p>कविताएँ , कहानी शब्दचित्र , मुक्तक आदि</p>

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देश का गीत

5 फरवरी 2023
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   आज नया सूरज उग आया जागा हर इन्सान ,  धीरे धीरे खोल रहा है  पलके हिदुस्तान |   अपनी धरती अपना अम्बर , अपने चाँद सितारे ,   मुस्कायें तो फूल बरसते , रोयें तो अंगारे,   इसी लिए आँखों में आंसू , म

गीत

30 जनवरी 2023
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गीत कोई तो सच सच बतलाये , राम  राज  में पग धरने को , कितना अभी और चलना है | दोनों पांवों में छाले हैं , होटों पर जकड़े ताले हैं | दूर दूर तक कहीं जरा भी , नहीं  दीखते उजियाले हैं | चारों ओर घिर

गीत

17 अप्रैल 2022
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 गीत   आओ आज वहां चलते हैं |   जहां प्यार की गंगा बहती ,   सब हंस कर मिलते जुलते हैं |   आओ आज वहां चलते हैं |  छोटे छोटे घर झौंपड़ियाँ ,   छोटे छोटे स्वप्न सजीले |  बस कैसे भी हो मैं कर दूं , 

याद न तब भूली जाएगी

22 सितम्बर 2021
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<p>गीत</p> <p> याद न तब भूली

तब मैं गीत लिखा करता हूँ |

14 सितम्बर 2021
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<p> गीत</p> <p> तब मैं गीत लिखा करता हूँ |</p> <p> &nbs

मुक्तक

20 जुलाई 2020
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मुक्तक भाग्य में अपने क्या बस काली रात है , नयन ने पाई आंसू की सौगात है |बस ऊंचे पेड़ों तक आता उजियारा , गाँव में अपने उगता अजब प्रभात है

गजल

18 जून 2019
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मुक्तक

14 अप्रैल 2019
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जाने कैसा घुटन भरा अँधेरा है , सकल कारवां विपदाओं ने घेरा है | पथ दर्शक सब दरबारी चारण हुये , किससे पूछें कितनी दूर सवेरा है | 2 मैंने उगता छिपता सूरज देखा है ,क्षितिज नहीं कुछ भी बस भ्रम की रेखा है | तुम शासन के प्रगति आंकड़े

मुक्तक

7 अप्रैल 2019
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सच अभी भी मरा नहीं है , झूठ भी पर डरा नहीं है | यह भी सच है आदमी अब ,पूर्व जैसा खरा नहीं है |

गीत

30 अक्टूबर 2018
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मैं तो ऐसा दीप कि जिसको , झंझावातों में जलना है | मुझे दिया अभिशापकिसी ने , जीवन भर ज

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