अपने जीवन मे हम यूँ ही नहीं चल सकते।हमारे निस्चित् रास्ते होते हैं उनपर हम चलते है और मंजिल कि तरफ आगे बढते हैं।
हमें जीवन मे लक्ष बनाने पड़ ते है। हमें कौन सी चीज़ चाहिए।हमारे जीवन का हेतु क्या है।हम अपने जीवन से क्या चाहते हैं।इस पर हमें विचार करना होगा।हम ऐसे ही इधर उधर भागते नहीं रह सकते।हमारे जीवन का मूल उद्देश्य क्या है।हम इस पृथ्वी पर क्यों आए है? इन सब बातों पर हमें विचार करना होगा।अपनी दिशा निर्धारित करनी होगी।चलना किंतु उद्देश्य को सामने रख कर चलना।हम ईश्वर की संतान है।हमें इस पृथ्वी पर ईश्वर ने भेजा है तो कुछ कार्य निर्धारित करक भेजा है।हम शांति से इसपर विचार करें,तब हमें इसका पता चल जायेगा,पता चलने पर फिर उसकी ओर हम गतिशील् हो। हमें लक्ष प्राप्ति और उद्देश्य पूर्ण लक्ष्य प्राप्ति होगी।