shabd-logo

common.aboutWriter

मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में कर्मरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से एम.कॉम. किया है। घर और दफ्तर के बीच झूलते हुए इंटरनेट की दुनिया मेरे लिए 'घर से बाहर एक घर' है, जहाँ मैं एक ब्लॉगर www.kavitarawat.com के रूप में प्रतिष्ठित होकर कविता, कहानी, संस्मरण और समसामयिक विषयों पर सरलतम अभिव्यक्ति द्वारा देश-दुनिया से अपने आप को जोड़े रखती हूँ। मेरे कई लेख, कविता, कहानी और संस्मरण देश के विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे, जिनसे मुझे लेखन के लिए प्रोत्साहन, मनोबल और ऊर्जा मिली। मेरा प्रयास है कि मैं अपने विचारों, भावनाओं के साथ-साथ अपना कुछ सामाजिक दायित्व निर्वहन कर सरलतम अभिव्यक्ति के माध्यम से उन्हें लेखबद्ध करते हुए अधिकाधिक जनमानस के निकट पहुँच सकूँ और अपने इस प्रयास में बेहत्तर कर सकने की दिशा में निरंतर अग्रसर रहूँ।

  • facebook-icon
  • instagram-icon
  • twitter-icon
  • linked_in-icon

common.awards_and_certificates

prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-12-08
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-11-27
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-11-22
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-11-11
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-10-11
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-10-02
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-09-27
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-09-06
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-08-23
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-08-18
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-08-15
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-14
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-24
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-06-14
prize-icon
दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-03-27

common.books_of

लोकोक्तियों की कविता

लोकोक्तियों की कविता

लोकोक्ति अथवा कहावत किसी भी कथन को सारगर्भित और प्रभावपूर्ण ढंग से संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी और इसकी बोलियों में संदेशपूर्ण और प्रेरक कहावत कहने की सुदीर्घ परंपरा है। यह किसी भी देश के संस्कृति, चिंतन और मूल्यों को भ

308 common.readCount
50 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 40/-

प्रिंट बुक:

167/-

लोकोक्तियों की कविता

लोकोक्तियों की कविता

लोकोक्ति अथवा कहावत किसी भी कथन को सारगर्भित और प्रभावपूर्ण ढंग से संक्षिप्त रूप में व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी और इसकी बोलियों में संदेशपूर्ण और प्रेरक कहावत कहने की सुदीर्घ परंपरा है। यह किसी भी देश के संस्कृति, चिंतन और मूल्यों को भ

308 common.readCount
50 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 40/-

प्रिंट बुक:

167/-

भूली-बिसरी यादें

भूली-बिसरी यादें

यह पुस्‍तक मेरी भूली-बिसरी यादों के पिटारे के रूप में प्रस्तुत है। मैंने इस पुस्तक में अपने दैनन्दिनी जीवन के हर पहलू के जिए हुए खट्टे-मीठे पलों को उसी रूप में पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया है। मेरी इस पुस्तक के लगभग सभी संस्मरण देश-प्रदेश के विभ

231 common.readCount
21 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 46/-

प्रिंट बुक:

173/-

भूली-बिसरी यादें

भूली-बिसरी यादें

यह पुस्‍तक मेरी भूली-बिसरी यादों के पिटारे के रूप में प्रस्तुत है। मैंने इस पुस्तक में अपने दैनन्दिनी जीवन के हर पहलू के जिए हुए खट्टे-मीठे पलों को उसी रूप में पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया है। मेरी इस पुस्तक के लगभग सभी संस्मरण देश-प्रदेश के विभ

231 common.readCount
21 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 46/-

प्रिंट बुक:

173/-

समसामयिक लेख (दैनन्दिनी-सितम्बर, 2022)

समसामयिक लेख (दैनन्दिनी-सितम्बर, 2022)

माह सितम्बर की दैनन्दिनी में 'गणेशोत्सव' और 'नवरात्रि महोत्सव' के रंग में रंगकर पर्वों का आनंद जरूर उठाइए, लेकिन इतना ख्याल रखे कि इसमें अपने 'बुजुर्गों को साथ लेकर उनका आशीर्वाद लेना न भूलें'। भले ही 'सोशल मीडिया' का जमकर प्रयोग करें लेकिन ध्यान र

128 common.readCount
21 common.articles

निःशुल्क

समसामयिक लेख (दैनन्दिनी-सितम्बर, 2022)

समसामयिक लेख (दैनन्दिनी-सितम्बर, 2022)

माह सितम्बर की दैनन्दिनी में 'गणेशोत्सव' और 'नवरात्रि महोत्सव' के रंग में रंगकर पर्वों का आनंद जरूर उठाइए, लेकिन इतना ख्याल रखे कि इसमें अपने 'बुजुर्गों को साथ लेकर उनका आशीर्वाद लेना न भूलें'। भले ही 'सोशल मीडिया' का जमकर प्रयोग करें लेकिन ध्यान र

128 common.readCount
21 common.articles

निःशुल्क

लोक पर्व व सामयिक चिंतन (दैनन्दिनी-अगस्त, 2022)

लोक पर्व व सामयिक चिंतन (दैनन्दिनी-अगस्त, 2022)

इस माह की दैनन्दिनी में आपको विविध विषयों के अंतर्गत जहाँ एक ओर हमारे सामाजिक चिंतन में मित्रता और आज़ादी के गर्व और खेलों के महत्व को समझने-पढ़ने को मिलेगा वहीँ दूसरी ओर सनातन धर्म की महानता के साथ ही लोक जीवन में रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस और गणेशोत

96 common.readCount
21 common.articles

निःशुल्क

लोक पर्व व सामयिक चिंतन (दैनन्दिनी-अगस्त, 2022)

लोक पर्व व सामयिक चिंतन (दैनन्दिनी-अगस्त, 2022)

इस माह की दैनन्दिनी में आपको विविध विषयों के अंतर्गत जहाँ एक ओर हमारे सामाजिक चिंतन में मित्रता और आज़ादी के गर्व और खेलों के महत्व को समझने-पढ़ने को मिलेगा वहीँ दूसरी ओर सनातन धर्म की महानता के साथ ही लोक जीवन में रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस और गणेशोत

96 common.readCount
21 common.articles

निःशुल्क

गरीबी में डॉक्टरी

गरीबी में डॉक्टरी

यह पुस्तक मेरी कहानियों का प्रथम संग्रह है, जहाँ मेरे द्वारा कुछ कहानियों में शहरी और ग्रामीण अंचलों में व्याप्त व्यथा-कथा का चित्रण तो कुछ में ऐतिहासिक और आधुनिक सामाजिक पृष्ठभूमि का ताना-बाना बुनते हुए चमत्कारिक भाषा-शैली के स्थान पर सीधे-सरल शब्दो

75 common.readCount
10 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 54/-

प्रिंट बुक:

208/-

गरीबी में डॉक्टरी

गरीबी में डॉक्टरी

यह पुस्तक मेरी कहानियों का प्रथम संग्रह है, जहाँ मेरे द्वारा कुछ कहानियों में शहरी और ग्रामीण अंचलों में व्याप्त व्यथा-कथा का चित्रण तो कुछ में ऐतिहासिक और आधुनिक सामाजिक पृष्ठभूमि का ताना-बाना बुनते हुए चमत्कारिक भाषा-शैली के स्थान पर सीधे-सरल शब्दो

75 common.readCount
10 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 54/-

प्रिंट बुक:

208/-

विविध विषय लेखन  (दैनन्दिनी, अक्टूबर 2022)

विविध विषय लेखन (दैनन्दिनी, अक्टूबर 2022)

इस पुस्तक में शब्द.इन द्वारा दिए गए विविध विषयोँ में किया गया लेखन संगृहीत है।

60 common.readCount
15 common.articles

निःशुल्क

विविध विषय लेखन  (दैनन्दिनी, अक्टूबर 2022)

विविध विषय लेखन (दैनन्दिनी, अक्टूबर 2022)

इस पुस्तक में शब्द.इन द्वारा दिए गए विविध विषयोँ में किया गया लेखन संगृहीत है।

60 common.readCount
15 common.articles

निःशुल्क

लोक जीवन में तीज-त्यौहार

लोक जीवन में तीज-त्यौहार

हमारी भारतीय संस्कृति में विभिन्न धर्म,  जाति,  रीति,  पद्धति,  बोली, पहनावा, रहन-सहन वाले लोगों के अपने-अपने उत्सव, पर्व, त्यौहार हैं,  जिन्हें वर्ष भर धूमधाम से मिलजुलकर मनाये जाने की सुदीर्घ परम्परा है। ये उत्सव, त्यौहार, पर्वादि हमारी भारतीय संस्

59 common.readCount
8 common.articles

निःशुल्क

लोक जीवन में तीज-त्यौहार

लोक जीवन में तीज-त्यौहार

हमारी भारतीय संस्कृति में विभिन्न धर्म,  जाति,  रीति,  पद्धति,  बोली, पहनावा, रहन-सहन वाले लोगों के अपने-अपने उत्सव, पर्व, त्यौहार हैं,  जिन्हें वर्ष भर धूमधाम से मिलजुलकर मनाये जाने की सुदीर्घ परम्परा है। ये उत्सव, त्यौहार, पर्वादि हमारी भारतीय संस्

59 common.readCount
8 common.articles

निःशुल्क

वर्षा ऋतु की बातें  (दैनन्दिनी-जुलाई, 2022)

वर्षा ऋतु की बातें (दैनन्दिनी-जुलाई, 2022)

जब ग्रीष्म ऋतु में सूरज के भीषण ताप से सम्पूर्ण धरती के साथ ही जीव-जंतु झुलस कर आकुल-व्याकुल हो उठते हैं तब समस्त जीव-जगत को वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा रहती है और जैसे ही आकाश में बादल आकर बरसते हैं तो झुलसी, मुरझाई धरती और जीव-जगत में नवजीवन संच

57 common.readCount
15 common.articles

निःशुल्क

वर्षा ऋतु की बातें  (दैनन्दिनी-जुलाई, 2022)

वर्षा ऋतु की बातें (दैनन्दिनी-जुलाई, 2022)

जब ग्रीष्म ऋतु में सूरज के भीषण ताप से सम्पूर्ण धरती के साथ ही जीव-जंतु झुलस कर आकुल-व्याकुल हो उठते हैं तब समस्त जीव-जगत को वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा रहती है और जैसे ही आकाश में बादल आकर बरसते हैं तो झुलसी, मुरझाई धरती और जीव-जगत में नवजीवन संच

57 common.readCount
15 common.articles

निःशुल्क

होंठों पर तैरती मुस्‍कान

होंठों पर तैरती मुस्‍कान

''गरीबी में डॉक्टरी' के उपरान्त 'होंठों पर तैरती मुस्कान' मेरी कहानियों का दूसरा संग्रह है। संग्रह की कहानियाँ सीधे सरल शब्दों में सामाजिकता के ताने-बाने बुनकर मैंने पाठकों को कुछ न कुछ संदेश देने का प्रयास किया है। मेरे इस संग्रह की पहली शीर्षक कहान

53 common.readCount
8 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 44/-

प्रिंट बुक:

151/-

होंठों पर तैरती मुस्‍कान

होंठों पर तैरती मुस्‍कान

''गरीबी में डॉक्टरी' के उपरान्त 'होंठों पर तैरती मुस्कान' मेरी कहानियों का दूसरा संग्रह है। संग्रह की कहानियाँ सीधे सरल शब्दों में सामाजिकता के ताने-बाने बुनकर मैंने पाठकों को कुछ न कुछ संदेश देने का प्रयास किया है। मेरे इस संग्रह की पहली शीर्षक कहान

53 common.readCount
8 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 44/-

प्रिंट बुक:

151/-

कुछ अनसुलझे मुद्दे (दैनन्दिनी माह नवम्बर, 2022)

कुछ अनसुलझे मुद्दे (दैनन्दिनी माह नवम्बर, 2022)

इस माह की दैनंदिनी में प्रस्तुत है 5जी तकनीकी के लाभ और प्रभाव। हमारी भारतीय उत्सवधार्मी समाज में तुलसी विवाह की कथा। आधुनिक बदलती शिक्षा प्रणाली के साथ ही देश में व्याप्त कुछ अनसुलझे मुद्दों आरक्षण, भ्रष्टाचार, ऑनर किलिंग, महिला हिंसा, धार्मिक मतभ

48 common.readCount
16 common.articles

निःशुल्क

कुछ अनसुलझे मुद्दे (दैनन्दिनी माह नवम्बर, 2022)

कुछ अनसुलझे मुद्दे (दैनन्दिनी माह नवम्बर, 2022)

इस माह की दैनंदिनी में प्रस्तुत है 5जी तकनीकी के लाभ और प्रभाव। हमारी भारतीय उत्सवधार्मी समाज में तुलसी विवाह की कथा। आधुनिक बदलती शिक्षा प्रणाली के साथ ही देश में व्याप्त कुछ अनसुलझे मुद्दों आरक्षण, भ्रष्टाचार, ऑनर किलिंग, महिला हिंसा, धार्मिक मतभ

48 common.readCount
16 common.articles

निःशुल्क

common.seeMore

common.kelekh

राष्ट्रभाषा स्वतंत्र देश की संपत्ति होती है

10 जनवरी 2023
4
2

         किसी राष्ट्र की संस्कृति उस राष्ट्र की आत्मा है। राष्ट्र की जनता उस राष्ट्र का शरीर है। उस जनता की वाणी राष्ट्र की भाषा है। डाॅ. जानसन की धारणा है, ’भाषा विचार की पोषक है।’ भाषा सभ्यता और संस

सारा खेल कराता पैसा

2 जनवरी 2023
3
1

paisa-paisa  नाते रिश्ते इसके पीछे  सबके आगे रहता पैसा खूब हंसाता खूब रूलाता सबको नाच नचाता पैसा अपने इससे दूर हो जाते  दूजे इसके पास आ जाते  दूर पास का खेल ये कैसा सबको नाच नचाता पैसा बन

लाठी मारने से पानी जुदा नहीं होता है

30 दिसम्बर 2022
2
0

लाठी मारने से पानी जुदा नहीं होता है। हर पंछी को अपना घोंसला सुन्दर लगता है।। शुभ कार्य की शुरुआत अपने घर से की जाती है। पहले अपने फिर दूसरे घर की आग बुझाई जाती है।। दूसरे के भरे बटुए से अपनी

बढ़ते आतंकवाद का विश्लेषण

29 दिसम्बर 2022
5
0

आज भी विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश होगा जहाँ किसी न किसी रूप में आतंकवाद देखने को नहीं मिलेगा। यदपि आज विश्व के विकसित देशों के साथ ही विकासशील देशों की एकजुटता के कारण वे आतंकवाद के पर कतरने में बहुत

जिंदगी को क्या कहूं

28 दिसम्बर 2022
4
1

जिंदगी को क्या कहूँ? अतीत का खंडहर या फिर भविष्य की कल्पना! भविष्य की आशा में अटका आदमी उठता, बैठता, काम करता बड़ी हड़बड़ी में भागता रहता कुछ निश्चित नहीं किसलिए? जिंदगी में कितने झूठ बना लेता

बेंगलुरु में बिजली बिल भुगतान घोटाला

23 दिसम्बर 2022
3
0

मुम्बई और दिल्ली के बाद बेंगलुरु भारत का तीसरा सबसे बड़ा शहर और मुंबई, दिल्ली, कोलकाता एवं कानपुर के बाद पाँचवा सबसे बड़ा महानगरीय क्षेत्र है। यह देश की अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के लिए विख्यात ह

संस्कृति का महत्व

20 दिसम्बर 2022
3
0

समाज और संस्कृति मानवता के दो आधार स्तम्भ होते हैं। मनुष्य सामाजिक प्राणी है, उसके बिना उसका न केवल विकास अपितु जीवन भी मुश्किल होता है। संस्कृति को मानवीय आदर्शों, मूल्यों, स्थापनाओं एवं मान्यताओं का

महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून

19 दिसम्बर 2022
8
0

लम्बे समय से प्रसिद्द समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा महाराष्ट्र सरकार से लोकायुक्त कानून लाने की मांग की जा रही थी। इस कानून को लेकर वर्ष 2016 में भी अन्ना हजारे ने रालेगण सिद्धि में अनशन किया था। तत्समय

आज की दुनिया में ट्विटर का महत्व

15 दिसम्बर 2022
5
0

आज का युग सूचना क्रांति का युग है। इस सूचना क्रांति के आधुनिक दौर में सोशल मीडिया अहम भूमिका के रूप में हम सबके सामने है। एक ओर जहाँ यह   आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक प्रगति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभ

भारत में बुलेट ट्रेन का विकास

14 दिसम्बर 2022
6
0

हमारे भोपाल में तो अभी मेट्रो का काम चल रहा है। शायद १-२ वर्ष बाद कुछ स्थानोँ पर मेट्रो दौड़ने लगेगी। मेट्रो में सफर का मौका दिल्ली जाकर ही मिलता है, क्योकिं वहां आना-जाना लगा रहता है। दिल्ली में अधिका

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए