गृहणी हूं , स्कूल टाइम से ही लिखने और पढ़ने का शौक है,मन के भावों को कागज पर उतार लेती हूं।
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<p>ममता</p> <p>खुद को शांत और विचारों को व्यवस्थित रखने का सबसे अच्छा तरीका है अपने आप को व्यस्त रखन
<p>ममता</p> <p>आज बस इतना कहना चाहूंगी की अपने गुस्से पर काबू करना सीखो। गुस्से में हम सिर्फ अपना ही
<p>ममता </p> <p>आज का दिन परेशानियों भरा रहा पर यूं मन को छोटा करने से कोई हल नहीं निकलेग
<p>प्रिय ममता</p> <p>आजसे मैंने तुमसे ही दोस्ती कर ली है हां हां तुम ही हो मेरी सखी,सहेली। क्या करूं