ममता
आज बस इतना कहना चाहूंगी की अपने गुस्से पर काबू करना सीखो। गुस्से में हम सिर्फ अपना ही नुकसान करते हैं ।ऐसा नहीं है कि मैं तुम्हारी व्यथा नहीं समझती,तुम्हारी तडप नहीं समझती पर ये निर्णय भी तुम्हारा ही था ना कि अपनी पारिवारिक और आर्थिक स्थिति देखते हुए मायके शादी में नहीं जाओगी .... समझती हूं जानती हूं मौसी को तुमसे अत्यधिक स्नेह है तुम्हारा ना जाना उन्हें बहुत तकलीफ देगा ।पर जब परिस्थितियों पर अपना नियंत्रण ना हो तो सब ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए।
और ईश्वर के निर्णय पर कैसा गुस्सा ।तो खुश रहने की कोशिश करो।
तुम्हारी सखी