प्रिय ममता
आजसे मैंने तुमसे ही दोस्ती कर ली है हां हां तुम ही हो मेरी सखी,सहेली। क्या करूं इस मामले में ईश्वर ने हमें बहुत गरीब रखा है कोई सच्चा एक अच्छा दोस्त नहीं मिला कभी.... तो अपने अकेलेपन ,इस खालीपन को भरने के लिए मैंने तुमको ही अपनी सखी बना ली।
रोज घंटों बातें क्या करेंगे कभी बच्चों की, कभी परिवार की ,कभी पति की और कभी आसपास अपने होने वाली घटनाओं की चर्चा करेंगे।
अब बस अपने आप से प्यार करो सबका ध्यान रखो पर सबसे पहले खुद का ,आज बस इतना ही, बहुत से काम पड़े हैं ,कल फिर मिलते है ।
तुम्हारी अपनी सखी