आधुनिक समय पर आमदानी कम खर्चा ज्यादा वाली कहावत सही बैठ रही हैं । जैसे जैसे परिवर्तन होता है जरूरत आवश्यकता बढने लगती है ।।। महंगाई की मार सबसे ज्यादा निम्न वर्ग को ज्यादा झेलनी पड रही है । महंगाई मे लोगो की कमर तोड कर रख दी है।
दिन व दिन रोजगार संकट पर आमदानी सीमित हो गई है,, गरीब तो मामूली सी आमदानी आय मिलती है ।।।। जिससे महंगाई कि बोझ और कर्ज लेलेकर जीवन भर लग जाता है लेकिन गरीब की हालत महगाई के कारण प्रभावित हो रही है ।
देश कि आर्थिक मिति समाज और परिवार की अंक प्रणाली पुरानी प्रथा से चल रही हैं ।।।।जो कि महंगाई को नियंत्रित नही कर पा रही है ।।।।
जबकि विदेश पर आय प्रति परिवार संख्या पर निर्धारित होती है और समय समय पर जैसे महंगाई देश पर बढती है वैसे ही आय पर बढ़ौतरी होती है,,,,, जिससे महंगाई नियंत्रण पर रहती है । जबकि हमारे देश पर उलटा है सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होती है,,,, लेकिन दिहाड़ी मजदूर गरीब की मानदेय पर कोई बढोत्तरी नही होती नियम ही नही है जिससे महंगाई कि मार सबसे ज्यादा गरीब वर्ग और मजदूरो को ज्यादा असर करती है ।।।महगांई डायन मार कर ही रहेगी ।।।
कभी हमारे देश को सोने कि चिडिया के नाम से जानते थे, लेकिन गुलामी और विदेशी शासक ने राज किया और देश का खाली कर दिया था,,, देश पर राम, रहीम, ने मानव रूप लेकर जन्म लिया है,, यह देश हमारा भारत है ।।। भारत को हम इंडिया, हिंदुस्तान, हिंद के नाम से पुकारते है ।
शहीद भगत सिंह, गुरूनानक, महात्मा गांधी, राजगुरू, डाक्टर भीम राव ,रानी झासी, तातया टोपे, अब्दुल कलाम, अटल जी आदि महान की जन्म भूमि है,,,, जिनका योगदान इतिहास पर दर्ज है।।
विशाल देश आज जगा विभिन्न धर्म के लोग निवास करते है,,, बोली, पहनावा, रहन सहन, भिन्न भिन्न है।।।।सबसे प्यारा देश हमारा ।।।