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जिंदगी का सफर

Ranjeet dehariya

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जिंदगी कब कहा पहुँच जाए कुछ कह नही सकते है,,,,, जिंदगी की शुरुआत नवजात के रूप मे बच्चे से शुरू होता है,, बचपन, यौवन, गरहसथ, बुढ़ापा यह 4 भाग होते है जिंदगी के ।।।। सबसे अच्छा बचपन खेलो और जियो फूल की तरह होता है बचपन न कोई चिंता जिंदगी का सबसे अच्छा पहल होता है ।।।। पढाई शुरू होते ही जिंदगी जीने और मानसिक विकास मे सहायक होती है ।।।।।।। हमे राह देती है ।।।।आगे बढ़ने कि कुछ मक़सद पूरा करने की ।।। विवाह पश्चात हमे जिम्मेदारी सिखाती है जिंदगी,,,, रिश्ते नाते का मान सम्मान समावेश सिखाता है,,,, संतान, परिवार का पालन पोषण जिंदगी का अहम सबक सिखाती है ।।।। बुढापा जीवन का आखिर सबक होती है ।।।। नयी पीढी को सिखाने, अनुभव सब बयान करने का अवसर देती है बुढ़ापा ।।।।। जिंदगी जीने का मक़सद है जो निरंतर चलने की सीख देती है।  

jindagi ka safar

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