मुनिया ने मासूमियत से अपनी मा से कहा ।।।।
मा होली आने बाली है,,,, गोली, मानू, निशा,गुडिया
सबने पिचकारी बाजार से खरीद लि है और रंग की पुडिया भी ।।।
मुझे कब मिलेगी पिचकारी और रंग की डिब्बी ।।।।
बहुत कम दिन बचे है ।।।।
मा गौर से ननही बेटी की बात सुन रही थी ।।।
मां ने कहा हम साथ बाजार चलेंगे तू अपनी पसंद की पिचकारी और मनपसंद की रंग कि डिब्बी लेना ।।।
मुनिया बहुत खुश हुई,,,,,,
मुनिया ने चलने कि जिद करने लगी ।।।
कब चलेंगे मां बोलो
मां बोली तेरे पिताजी आ जाये
फिर चलेंगे बाजार ।।।
मुनिया बहुत खुश हुई ठीक है मां
खेलने चली गई ।।।।
शाम को बाजार गई
पिचकारी और रंग लाई,,,,
रात को मां से रहती है
मै और मेरे दोस्त संग बहुत होली खेलूंगी ।।।
बहुत खुश थी मुनिया
मानो सारी दुनिया की चीज मिल गई ।।।।
रंजीत डेहरिया
626347137