shabd-logo

common.aboutWriter

I am a blog writer writing poem vyang and lekh

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

common.kelekh

अटल जी को नमन

18 अगस्त 2018
0
0

अटल बिहारी वाजपेयी जी पर कुछ पंक्तिया लिखने की कोशिश की कविता का शीर्षक है "हर हिदुस्तानी के जेहन में तुम्हारा नाम अटल था, अटल है और अटल रहेगा"1.उनके जैसा ना था , ना है और ना रहेगा, इस दुनिया मे तुम्हारा नाम हमेशा रहेगा, इस देह रूप में तुम हमारे साथ ना हुए तो क्या हुआ, तुम्हारे विचारो का शमा हमेशा

कोई मेरे बचपन के पल लौटा दो

24 मई 2018
1
1

"कोई मेरे बचपन के पल लोटा दो"1. वो मेरी बचपन की दोस्ती प्यारी, जिसमे ना होती थी गद्दारी। पल-पल झगड़ लेते थे हम, लेकिन अगले ही पल में एक साथ होते थे हम। एक बार ही सही फिर से मौका दो, कोई मेरे बचपन के पल लोटा दो........2. वो दोस्तो के साथ घर -घर घूमने जाना, सुबह से शाम तक घर ना लौट के आना।लड़ाई होने पर

कोई मेरे बचपन के पल लौटा दो

24 मई 2018
0
0

"कोई मेरे बचपन के पल लोटा दो"1. वो मेरी बचपन की दोस्ती प्यारी, जिसमे ना होती थी गद्दारी। पल-पल झगड़ लेते थे हम, लेकिन अगले ही पल में एक साथ होते थे हम। एक बार ही सही फिर से मौका दो, कोई मेरे बचपन के पल लोटा दो........2. वो दोस्तो के साथ घर -घर घूमने जाना, सुबह से शाम तक घर ना लौट के आना।लड़ाई होने पर

आप धीरे धीरे मरने लगते हो"

28 मार्च 2018
0
0

कुछ पंक्तिया शीर्षक है "आप धीरे- धीरे मरने लगते हो"1.जब आप किसी बच्चे के साथ बच्चा नही बन पाते हो,जब आप अपने मन की नही सुन पाते हो, जब आप अपने मन की सुनकर भी अनसुना सा कर देते हो तब आप धीरे -धीरे मरने लगते हो...........................2.जब आप थक-हार के घर जाते हो,जब आप सुबह से शाम तक मुस्कुरा नही पा

माँ

19 मार्च 2018
2
3

माँ से दूर होते तो माँ का एहसास कैसे होता है, उस पर कुछ पंक्तिया।शीर्षक है- "माँ"1.जब ये शरीर थक हारकर घर जाता है, माँ तेरा प्यार बहुत याद आता है।पल-पल खोजता हु तुझे इन आँखों से,पर ना जाने  क्यों तुझे ढूंढ नही पाता है। माँ तेरा प्यार बहुत याद आता है।2.लेकिन माँ तो माँ होती है,बच्चे का दुःख उस्से देख

होली पर शानदार कविता

18 मार्च 2018
0
0

होली के पावन पर्व पर कुछ पंक्तिया शीर्षक है "कि आ सखी होली खेले"1.कि आ सखी होली खेले, कुछ रंग प्यार के, कुछ रंग दुलार के ,कुछ रंग एक दूसरे के साथ के एक दूसरे पे उड़ेले कि आ सखी होली खेले।2.नफरतो के रंग को, दुनिया के प्रपंचो को , अपने अंदर की बुराइयों को चल यही छोड़ चले , की आ सखी होली खेले..........

जातिगत आरक्षण

10 मार्च 2018
1
2

सामान्य वर्ग की व्यथा पर कुछ पंक्तिया . मै भी सामान्य वर्ग का दलित हु साहब मुझे भी आरक्षण चाहिए..1.मेरी माँ का सपना है बेटा सरकारी अफसर बने,पिता दिन-रात मेहनत करके उस सपने को बुने, मेरे मात-पिता के सपनो को यू ना जलाइये, मै भी सामान्य वर्ग का दलित हु साहब मुझे भी आरक्ष

नारी शक्ति

8 मार्च 2018
0
0

"विश्व महिला दिवस " कुछ पंक्तिया शीर्षक है "हा एक नारी हु मै"1. हा एक नारी हु मै, औरो के सपनो पर जीती हु, घर के किसी कोने में रोती हु; बिलखती हु, लोगो की नजरों में बिचारी हु मै, हा एक नारी हु मै.........2.अपमानों का घुट पीकर रह जाती हूं मैं, कभी दहेज के लिए , कभी सिरफिरे आशिक के लिए जला दी जाती हूं

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए