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मेरी अभिव्यक्ति

22 दिसम्बर 2022

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ज़िंदगी ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल उपहार है ....

इसे तुम अपनों के साथ सहेजकर रखना ,

सदा रहे संगठन ऐसा इंसानियत का तुम परिचय देना ,

त्यागकर विघटन को  ज़िंदगी को एक नई पहचान देना ,

मनुष्य बनकर इस जग में मनुष्यत्व का तुम मान रखना ,

अपने व्यवहार में सदा शिष्टता का तुम  ध्यान रखना ।

उषा की अन्य किताबें

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सुविचार

11 मई 2022
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मेरे अंतर्मन में उलझी हैं द्वंद्व भरी अट्टालिकाएँ , दोनों ही छोर मेरे, फिर कैसे मिटे ये दुविधाएँ । कर्म मेरा आराध्य है तो कुटुम्ब मेरा कर्तव्य , दोनों मेरे अभिन्न है फिर कैसे एक ही ध्यातव्य । नदिय

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मेरी अभिव्यक्ति

22 दिसम्बर 2022
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ज़िंदगी ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल उपहार है .... इसे तुम अपनों के साथ सहेजकर रखना , सदा रहे संगठन ऐसा इंसानियत का तुम परिचय देना , त्यागकर विघटन को  ज़िंदगी को एक नई पहचान देना , मनुष्य बनकर इस जग

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मेरी अभिव्यक्ति

22 दिसम्बर 2022
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गिरते पड़ते मंज़िल पर पहुँच ही जाएँगे .... बस हमें हौंसला अडिग बनाए रखना है  शीर्ष शिखर पर हम  चढ़ ही जाएँगे  बस मंज़िल की चाह बनाए रखनी है  ऊँचाई को देख परिंदा ग़र पहले से ही डर जाता  फिर उन्मुक

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