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सफ़लता की मंजिल का पहला पड़ाव हैं सपने ,उन राहों में कही फूल तो कही बिछे हैं कांटे ।।टूटते कहीं रिश्ते , तो पीछे छूटते हैं कुछ अपने,हो त्याग जिनका सच्चा नियति भी आगे उनके हार माने।।भटके अगर इन राहों स