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सपनों की राहें

27 अगस्त 2024

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सफ़लता की मंजिल का पहला पड़ाव हैं सपने ,
उन राहों में कही फूल तो कही बिछे हैं कांटे ।।
टूटते कहीं रिश्ते , तो पीछे छूटते हैं कुछ अपने,
हो त्याग जिनका सच्चा नियति भी आगे उनके हार माने।।

भटके अगर इन राहों से तो सिर्फ असफलता की खाई है
मंजिल पाने को चल पड़े मन में ठान
सिर्फ अपने सपनों की राहें पहचान 
पराजय के अंधकार पर विजय सिर्फ उन्होंने पाई है।

कहती है दुनिया क्या सपनों में खोए रहना , 
हकीकत ज्यादा बेहतरीन होती है।

" मिनी " उन्हें समझाओ कोई ,

सपनो की राहों पे चल , उन्हें जब करते मुकम्मल
तब कहीं जाकर हकीकत खूबसूरत होती है।।❤️


जय श्री राम 🚩🙏


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