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मोहब्बत

25 अगस्त 2022

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वो डायरी से निकला सुखा गुलाब

भारी पड़ गया ताज़ा गुलाबों पर 🌹

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किसी ने "ज़हर" कहा हैं किसी ने "शहद"...!

कोई समझ नहीं पाता है, "ज़ायका" मोहब्बत का...!!

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नजरो का शर्माना भी एक अदब है

नजरों से सब कह जाना भी गजब है। ❤️

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आपकी खिदमत में
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आपकी खिदमत में आप पढ़ सकते है दिल को छू जाने वाली शेर शायरी। आपको यह दिल की गहराइयों से महसूस होगी।

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