नीली छतरी वाला
खुल गए बाजार सारे
दिल के दरवाजे खोल
दो दिन की है जिंदगी
मधुर मधुर बोल
जिसके हाथ में डोर प्यारे
नीली छतरी वाला बैठा
खेल रचता नित नया
तू किस अकड़ में ऐंठा
उसके हाथ की कठपुतली
चाहे जिसे नचायेगा
जो किरदार निभा ना सके
डोर खींच ले जाएगा
दुनिया के इस रंगमंच पर
हमको रोल निभाना है
हम मोहरे वो बाजीगर है
रिश्ता बड़ा पुराना है
जनम से ही राजा बना दे
राजा को रंक बनाता वो
पल में प्रलय आ जाती
जीवन में बहारें लाता वो
उसकी मरजी चलती जग में
डोर वही हिलाता है
आंधी तूफान बरसा पानी
कालचक्र चलाता है
रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिला झुंझुनू राजस्थानमंच को नमन
सुप्रभात
नीली छतरी वाला
खुल गए बाजार सारे
दिल के दरवाजे खोल
दो दिन की है जिंदगी
मधुर मधुर बोल
जिसके हाथ में डोर प्यारे
नीली छतरी वाला बैठा
खेल रचता नित नया
तू किस अकड़ में ऐंठा
उसके हाथ की कठपुतली
चाहे जिसे नचायेगा
जो किरदार निभा ना सके
डोर खींच ले जाएगा
दुनिया के इस रंगमंच पर
हमको रोल निभाना है
हम मोहरे वो बाजीगर है
रिश्ता बड़ा पुराना है
जनम से ही राजा बना दे
राजा को रंक बनाता वो
पल में प्रलय आ जाती
जीवन में बहारें लाता वो
उसकी मरजी चलती जग में
डोर वही हिलाता है
आंधी तूफान बरसा पानी
कालचक्र चलाता है
रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिला झुंझुनू राजस्थान