मंच को नमन
विधा गीत
विषय सरहद के रखवालों को
सरहद के रख वालों को सीमा के सभी जवानों को
आन वतन मिटने वाले अमर शहीद परवानों को
शत शत वंदन शत-शत वंदन
जब जब देश पर संकट आया वीरों ने जान गवाई है
मातृभूमि की रक्षा खातिर प्राणों की भेंट चढ़ाई है
प्राण न्योछावर करने वाले उन जोशीले दीवानों को
शत शत वंदन शत-शत वंदन
जो तूफां से भिड़ जाते हैं जो गीत वतन के गाते हैं
सीमा पर सीना ताने खड़े जो बारूद से बतियाते है
भारत भूमि के रणं बांकुरा देशप्रेम मतवालों को
शत शत वंदन शत-शत वंदन
उर में ज्वाला जलती है बाजू भी रोज फड़कते हैं
हर जांबाज के सीने में शोले गर्म भड़कते हैं
राष्ट्रप्रेम की धारा में बहते उनके जज्बातों को
शत शत वंदन शत-शत वंदन
रग रग में रक्त मचलता है सीमा पर शीश चढ़ाने को
जो आंख दिखाये भारत को उसे नाकों चने चबाने को
शीशे अर्पण करने वाले जोश जज्बा बलिदानों को
शत शत वंदन शत-शत वंदन
रमाकांत सोनी नानसा गेट नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान