वो पहला इश्क़ कितना स्पेशल होता है ना ,कुछ नया कुछ अलग महसूस कर रहे होते है आप ,उसी के बारे में सोचना, उसके नाम के पहले अक्षर को अपनी किताब और कॉपी के आखरी पन्नो पर लिखना ,उसी से छुपा के उसी को देखना और अगर गलती से ऑय-कांटेक्ट (eye-contact) हो जाये तो शरमा जाना फिर अगले दिन तक उसकी तरफ देखना भी नहीं ,उसकी हर चीज अच्छी लगती है उसकी बाते उसकी हंसी (smile) और तो और दोस्तों का उसके नाम से चिढ़ाना भी अच्छा लगता है ,तो अकसर पहला इश्क़ स्कूल में ही होता है |
तो बात तब की है जब मैं 11th(ग्याहरवी कक्षा ) में था ,एक लड़की बोहोत पसंद थी मतलब समझ रहे हो पूरा दिन क्लास में उसे ही देखना ,अगर टीचर उसका नाम बोले तो मुस्कुराना ,उससे बात करने की कोशिश करना फिर वहा से भाग जाना ,यूँ तो वो मेरे साथ 9th से थी पर अब अच्छी लगने लगी थी मतलब प्यार हो गया था तुम्हारे भाई को ,वो पहला प्यार ,हाँ ऐसे ही तो होता है फिल्मो में देखा है मैंने ,वैसे ही हो गया मुझे भी ,खैर अब जब हो गया तो दोस्तों को पता चल ही चुका था तो उसके नाम से चिढ़ाना शुरू हो चूका था और उसी के बारे में बताते रहते अभी उसने तुझे देखा भाई जिस तरह से देखा मुझे तो लगता है वो भी लाइक करती है तुझे ,अभी उसने ये किया अभी वो किया ,आधा तो झूट होता है क्युकी हर एक दोस्त कमीना होता है | वो bio की स्टूडेंट थी और मैं मैथ का ,तो हमारी bio और मैथ की क्लास ही अलग अलग होती थी बाकी सारे सब्जेक्टस की साथ ही होती थी |
तो बात यूँ हुई के उसकी बड़ी बहन और मेरी दीदी एक ही क्लास में थे और अच्छी दोस्त भी ,तो दीदी के पास उसकी बहन का नम्बर था जो मुझे पता नहीं था |एक शाम यूँ ही बोर हो रहा था ,उस समय घर पर एक ही फ़ोन हुआ करता था मम्मी के पास ,जिसे मैं और दीदी भी इस्तमाल करते थे ,फोन था कीपैड तो मैं कॉन्टेक्ट्स देख रहा था तो उसकी बहन का नम्बर मुझे दिखा ,मन तो किया अभी कॉल कर दू पर फिर हिम्मत नहीं हुई | तो अगले दिन पेट दर्द का बहाना कर के स्कूल नहीं गया ,शाम को दीदी से बोला मुझे होमवर्क पूछना है तो उस से बात करवा दे ,तो दीदी ने उसकी बड़ी बहन को कॉल किया और मेरी बात उससे करवाने को बोला ,और मुझे फोन दिया ,उसने बोला हेलो ,आज क्या होमवर्क दिया मैंने पूछा ,उसने एक ही सांस में पूरा होमवर्क बता दिया इससे पहले मैं कुछ और बोलता उसने फ़ोन कट कर दिया ,अब दीदी को भी दोबारा नहीं बोल सकता कॉल के लिये, तो इंतजार था अगली सुबह का ये सोच कर के कल स्कूल में ही बात करूंगा अच्छे से |
तो अगले दिन मैं स्कूल गया ,यहाँ तो सब उल्टा था उसने मुझे पूरी तरह से इग्नोर कर दिया मेरी तरफ देखा तक नहीं, मैं डर गया कहीं मेरा पहला प्यार अधूरा ना रह जाये ,पर अब कर भी क्या सकते है ,चलने दिया जैसा चल रहा था |
दिन बीते ,सब पहले जैसा हो गया | फिर एक दिन शाम को मैं फिर से यूं ही कॉन्टेक्ट्स देख रहा था और वो नंबर सामने आ गया ,मूझ से रहा नहीं गया और मैंने कॉल लगा दिया ,फ़ोन उसकी बहन ने उठाया मैं घबरा रहा था पसीना आ रहा था,मैंने बोला दी.......दीदी उससे बात करवा दो कुछ पूछना है ,तो दीदी ने उस से बोला प्रीतपाल का कॉल है बात कर ले पहले तो उसने मना कर दिया फिर दीदी ने बोला अरे कुछ पूछना है उसे कर ले बात तब उसने बात की ,उसने बोला हेलो ,मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा तो एक ही सांस में सब बोल दिया की मैं तुझे पसन्द करता हूँ ,क्लास में सिर्फ तुझे ही देखता हूँ ,तुम सबसे प्यारी और खुबसुरत हो ,ये वो ,लास्ट में मैंने पूछा मुझ से फ्रेंडशिप करोगी ? तो उसने बोला मैं सोच के बताती हूँ ,और फोन काट दिया |(आज मैं सोचता हूँ ऐसे ही बिना सोचे समझे कॉल नहीं करना चाहिए था )
खैर अब उसने बोला है सोच के बतायेगी तो मैं इंतजार करने लगा अगले दिन का|
अगले दिन सुबह जल्दी उठ गया ,आज जवाब जो मिलने वाला है ,जल्दी जल्दी तैयार हुआ ,सब से पहले स्कूल पोहोच गया और इंतजार करने लगा उसके आने का ,जैसे जैसे टाइम हुआ सब आ गए थे पर वो नहीं आई अभी तक ,मैं बेचैन होने लगा ,प्रार्थना भी हो गयी थी हम सब वापस क्लास में जा रहे थे और मेरी नजर उसे ही ढूंढ रही थी पर वो अभी तक नहीं आई थी ,उस दिन मुझे स्कूल के वो 6 घंटे भी 6 दिन जैसे महसूस हुए ,ना दोस्तों से बात की ना लंच किया बस गुमसुम सा बैठा रहा ,घर आया और सोचने लगा आज क्यों नहीं आयी होगी ,कॉल करके पूछने की हिम्मत भी नहीं थी | मम्मी ने पूछा क्या हुआ , तो बहाना बना दिया सरदर्द हो रहा है और दवा खा कर सो गया ,
जब उठा तो दीदी ने बोला कल क्या किया तूने ,मैंने अंजान बनते हुये बोल दिया कुछ भी तो नहीं ,दीदी ने बोला ये ड्रामा कही और करना मुझे सब पता चल गया और उसके घर पे भी ,मैं डर गया उसके घर वालो ने क्या बोला होगा उसे ही गलत समझ होगा ,इधर दीदी मुझे डांट रही थी मेरे दिमाग में तो ये ही सब चल रहा था की कहीं मेरी वजह से उसके घर वाले उसका स्कूल जाना ना बंद करवा दे ,भगवान से प्रार्थना करने लगा की ऐसा कुछ भी ना हो |
अगले दिन वो स्कूल आयी तो मुझे कुछ सुकून मिला ,धीरे धीरे सब सही हो रहा था पर अब सब बदल गया था वो मुझे पूरी तरह अनदेखा करने लगी थी और मैं भी पढ़ाई में ध्यान लगाने लगा था |
अब वो दिन आ गया अरे वो ही जो अपने किसी काम का नहीं वेलेंटाइन ,पर खुशी की बात ये थी की आज मैथ वाले सर नहीं आये थे तो दो पीरियड खाली थे ,आज बायो के सर भी नहीं आये थे तो बायो वाले भी 1 पीरियड बाद क्लास में आ गए ,मेरा एक दोस्त जो बायो से है और उसका बेस्ट फ्रेंड है मुझे एक तरफ ले गया और पूछा तूने उसे प्रोपोज़ किया था क्या ? मैंने पूछा तुझे किसने बताया तो उसने बोला उसी ने , मैं फिर से डर गया और क्लास में आकर बैठ गया |
क्लास में सभी लड़किया उसे घेर कर बैठी थी और वो उन्हें कुछ बता रही थी ,अचानक सब लड़किया मुझे देखने लगी ,और एक ने मेरी तरफ इशारा करते हुये बोला इस प्रीतपाल ने , मैं समझ गया वो इन सब को प्रोपोज़ वाली बात ही बता रही है ,पहले तो मैं डर गया पर फिर अगले पीरियड में उसकी दोनों दोस्त पीछे होकर बैठ गयी और वो बार बार मुझे देख रही थी तो मुझे कुछ समझ नहीं आया पर मैं मन ही मन खुश हो रहा था की शायद अब वो भी मुझे .....
अब सब कुछ बदल गया गया ,क्युकी अब सिर्फ मैं ही उसे नहीं देखता था वो भी मुझे देखती थी ,जब मैं उसे देखता तो उसकी दोनों दोस्त पीछे हो जाती और जब वो मुझे देखती तो मेरा दोस्त मुझे बता देता ,कुछ दिन ये ही चलता रहा पर अब फिर से वो सब बोलने की हिम्मत ना मुझ में थी ना वो कुछ बोल रही थी |
एक दिन लंच में हम दोस्त डस्टर फेंक के एक दूसरे को मार रहे थे ,पहले तो क्लास में कोई गर्ल्स नहीं थी थोड़ी देर में उसकी दोस्त आकर बैठ गयी ,डस्टर था मेरे हाथ में और मैंने डस्टर फेंका दोस्त की तरफ मेरा निशाना चूका और डस्टर जा लगा उसकी दोस्त को सारे लड़के क्लास के बाहर भाग गये ,उसकी दोस्त ने मुझे बोहोत सुनाया तो मैं चुपचाप सुन कर बाहर आ गया ,कुछ देर में वो और उसकी दूसरी दोस्त आ गए ,तो उसकी दोस्त ने उन दोनों को सब बता दिया ,तो उसकी दूसरी दोस्त ने कहा अभी सर को आने दे सब बताती हूँ ,और वो उन दोनों को मना कर रही थी की छोड़ ना यार हो गया होगा गलती से ,लंच के बाद सर आये मैं सोच रहा था आज तो मार पड़ेगी ,सर सब की कॉपी चेक कर रहे थे ,जैसे जैसे उसकी दोस्त का नंम्बर करीब आ रहा था मैं डर रहा था ,तो पहले उसकी वो दोस्त कॉपी चेक करवाने गयी जिसे डस्टर लगा था उसे वो बार बार मना कर रही थी की मत बताना तो उसने तो नहीं बताया ,पर उसकी दूसरी दोस्त ने बोला मैं तो बता कर ही रहूंगी जैसे ही वो खड़ी हुई मेरी धड़कन तेज हो रहीं थी की उसने बोला तुझे मेरी कसम ,ये ये क्या हुआ कहीं गलत तो नहीं सुन लिया मेरे कानो ने
मन में खुशी के लड़ू फूटने लगे ,दिमाग में हिमेश के गाने बजने लगे
मैं फिर से खाब सजाने लगा , मैं फिर प्यार को जीने लगा
और एक दूसरे से छिप कर एक दूसरे को देखना तो जारी था
इन सब में कब एग्जाम आ गए पता ही नहीं चला ,तो बात है फिजिक्स के प्रेक्टिकल की ,viva voce(मौखिक परीक्षा) चल रही थी और वो एक तरफ अकेली खड़ी थी ,मैंने बोला ये ही सही समय है आज बोला ही देता हूँ और उसके पास चला गया , मैंने बोला कैसी है ,तो उसने दूसरी तरफ मुँह फेर लिया और बोली ठीक हूँ ,मैंने बोला सिर्फ एक बात पूछनी है ,उसने कहा पूछ , तू मुझ से फ्रेंडशिप क्यू नहीं कर रही मैंने पूछा ,और उसने जवाब दिया क्युकी मेरे पेरेंट्स allow (अनुमति) नहीं करते है , मुझे मन में हंसी आ रही थी मैंने उसे थैंक यू बोला और आ गया |
कुछ रिश्ते टूट जाते बन ने पहले ही
समझ में ये नहीं आया की जो अब तक देख सुन रहा था वो सब झूठ था या जो आज उसने बोला वो मजाक है
तो तय ये हुआ की सामने है 12th जो future decide (भविष्य तय) करेगी तो इन सब को छोड़ कर पढ़ाई पर ध्यान दिया जायेगा |
अब उसकी शादी हो गयी है और एक प्यारी सी बेटी भी है | कुछ दिन पहले इंस्टाग्राम पे उसकी प्रोफाइल पॉपअप हुई तो सारी यादें ताजा हो गयी |
ये था मेरा पहला इश्क़ पहली बार
धन्यवाद ....