A BAD DAY.... जो सबकी जिन्दगी में आता है, कभी ना कभी । हम सब बचपन से ले कर मरने तक बस यही सोचते है की कैसे भी कर के दिन अच्छा निकल जाये, लेकिन ऐसा होता नहीं है कभी न कभी एक दिन ऐसा आता है जो बोहोत बुरा होता है जो हमने कभी सोचा भी नहीं होता है।
खैर दिन नहीं, लगता है मेरी तो ज़िंदगी ही बुरी है। पिछले एक महीन से जयपुर हूँ और 100 से ज्यादा इंटरव्यू दे चूका हूँ पर जॉब मिल ही नहीं रही । घरवाले रोज पूछते है अरे बेटा आज तो मिली क्या नौकरी अब उन्हें कैसे समझाऊ यहाँ इंटरव्यू निकलना कितना मुश्किल है , कही क्वॉलिफिकेशन मैच नहीं करती और कही सैलरी इतनी कम की दो वक़्त का खाना भी ना खा सकू।
खैर इस दौड़ मे मैं अकेला नहीं हूँ मैरा दोस्त भी है मेरे साथ और उसी की बाइक पे हम जाते है इंटरव्यू देने। लगता है आ गया।
ऋषि - चले भाई , आज शायद मिल जाये
प्रीत - मिल ही जाये भाई नहीं तो करेंगे क्या, घर भी वापस नहीं जा सकते
ऋषि - कोई नी ब्रो , आज मिल ही जाएगी
प्रीत - चल फिर
(चाय की टपरी पे चाय पीते हुये प्रीत अकाउंट चेक करता है सिर्फ 50 रु. बचे है)
(ऋषि पे करता है )
ऋषि - चल भाई
प्रीत - हाँ भाई
(इंटरव्यू देके दोनों बाहर आते है )
ऋषि - क्या लगता है ?
प्रीत - भाई लगता नहीं है की हो पायेगा
ऋषि - मुझे एक और कंसलटेंट का sms आया है, चल वहा चलते है
प्रीत - और ऑप्शन भी क्या है
(एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरा इंटरव्यू देने के बाद बाइक पे जा रहे होते है की बाइक रुक जाती है)
प्रीत- क्या हुआ ?
ऋषि - पेट्रोल खतम
प्रीत - वो सामने पेट्रोल पंप है, चल
(दोनों बाइक को धक्का मार के पेट्रोल पंप तक लाते है)
ऋषि - भाई तू पैसे दे दे मेरे पास नहीं है
प्रीत - मैरे पास भी 50 ही है
ऋषि - घर तो पहुँच जायेंगे
(प्रीत आँखों में पानी लेके पे करता है और फिर दोनों वहा से निकलते है )
(शहर के पास की बस्ती में)
रानी - रात के 7 बज रहे है, लेकिन ये कुम्भकरण की तरह पड़े है, पता नहीं क्या सोच के मेरे बाप ने इसके साथ शादी करा दी
रानी- ओ कुम्भकरण की औलाद, मेर गहने बेच के जो कैब खरीदी है उसे चला भी लो शायद घर में खाना आ जाये
(राकेश बीवी के तानो और छत से टपकते हुए पानी की बून्द से उठता है )
राकेश - पानी कहा से गिर रहा है
रानी - बारिश आ रही है बाहर, खुद को तो कुछ होश है नहीं, पुरे दिन पड़े रहते है। रात को कैब लेके कहा जाते है कुछ पता नहीं पैसा तो एक घर में लाते नहीं
(राकेश तैयार होकर कैब लेके निकल जाता है , रास्ते से दारू लेता है और पीते हुए निकल जाता है)
(बारिश की वजह से रोड पे पूरा पानी पानी हो रहा है, उधर से ऋषि और प्रीत भी बाइक पे आते है )
(राकेश की गाड़ी बाइक के पास ही चल रही होती है)
(सामने से आ रहे ट्रक की लाइट राकेश की आँखों में गिरती है राकेश गाड़ी को थोड़ा मोड़ता है जिसकी वजह से ऋषि और प्रीत गिर जाते है )
प्रीत - अँधा है क्या साले
(राकेश गाड़ी भगा के निकल जाता है )
(प्रीत की आँखों में आंसू और पुरे दिन का हर पल सामने आ जाता है , ना जॉब मिली पैसे भी नहीं है और अब गिर भी गए)
(प्रीत गुस्से में उठता है , बाइक उठाता है फिर ऋषि को पीछे बिठा कर बाइक गाड़ी के पीछे भागता है)
(प्रीत बाइक सीधे राकेश की गाड़ी के आगे रोकता है )
(राकेश की गाड़ी के शीशे तोड़ देता है , राकेश को गाड़ी से निकाल कर रोड पे पटक देता है )
(ऋषि और प्रीत मिल के राकेश को मारते है)
(राकेश जोर से रो रहा होता है ..ऊ उउउ , भीड़ लग जाती है )
A BAD DAY