PTM
सुबह लेट उठने पर सारा दिन लेट हो ही जाते है ।
आफिस जाने के लिए जल्दी जल्दी तैयार हो रहा था, बाथरूम में खड़े हो कर सोच रहा था कि शेव करूँ या नही इतने में किचन से प्रेरणा की आवाज आई - जल्दी तैयार हों जाओ PTM में जाना है ।
PTM में जाना है !!!
मैं सोच में पड़ गया कि अब क्या करूँ ? पर PTM में जाना भी जरूरी है बेटे का रिजल्ट और उसकी शरारतों का पता तो चले ।
क्या प्रेरणा आज फिर उपमा बना दिया !
तैयार होते होते मेने प्रेरणा से कहा ।
मुझे पोहे पसन्द है और उसे उपमा , पर जल्दी से नाश्ता कर के हम स्कूल के लिए निकल गए ।
आफिस के सहकर्मी को मैसेज डाल दिया सम्हाल लेना, लेट हो जाऊंगा ।
स्कूल के रास्ते मे कार चलाते चलाते मैं सोच रहा था कि हमारे समय तो ऐसी कोई PTM नही होती थी ना ही स्कूल प्रशासन से पेरेंट्स को कोई दबाव होता था ।
इसी तरह स्कूल के दिनों को याद करते करते , स्कूल आ ही गया ।
अरे विप्रव तुम्हारी क्लास तो ग्राउंड फ्लोर पर लगती थी ना !
मेने बेटे से कहा ।
बेटे ने तुरन्त प्रति उत्तर देते हुए कहा
पापा मैं अब बड़ा हो गया हूँ , मैं प्रमोट हो कर बड़ी क्लास में आ गया हूं ।
अब मेरी क्लास ग्राउंड फ्लोर पर नही फर्स्ट फ्लोर पर लगती है ।
पूरे स्कूल परिसर में हलचल थी । माता-पिता अपने बच्चो के रिपोर्ट कार्ड जो देखने आए थे । कुछ माता-पिता और बच्चे मुस्कुराते हुए घर के लिए जा रहे थे , तो कुछ चेहरे पर चिंता लिए बच्चे की क्लास ढूंढ रहे थे ।
मैं भी मेरे बेटे की क्लास ढूंढ रहा था, चिंता में भी था कि कही कोई उटपटांग हरकत ना कि हो वरना सभी परिजनों के सामने मेरा माख़ौल बन जायेगा ।
क्लास मिल ही गई ।
बेटे ने क्लास में घुसने के पहले जोर से आवाज लगाई- में आई कमिंग मेम?
मेडम जो चारो तरफ से बच्चो और उनके माँ - बाप से घिरी हुई थी बिना देखे ही बोली- यस कम इन ।
सभी परिजन अपने बच्चो की आंसर शीट देख रहे थे । मैं भी अपनी बारी का इंतज़ार करने लगा ।
अचानक आवाज आई - हम आपको रिजल्ट नही दिखा सकते है ।
मैने अपनी निगाहे आगे की तरफ बढ़ाई तो देखा कि क्लास टीचर, एक पिता को रिजल्ट दिखाने से मना कर रही थी ।
पता लगा कि उन्होंने फीस नही भरी थी तो क्लास टीचर ने रिजल्ट नही दिखाया और ना ही आंसर शीट दिखाई ।
कुछ सोच पाता इतने में क्लास टीचर ने आवाज लगाई - विप्रव
हम पहुंच गए, रिजल्ट लिया पर मैं कुछ भी बात नही कर पा रहा था, सारी बातें प्रेरणा ही कर रही थी ।
मेरे दिमाग मे तो यही लाइन गूंज रही थी कि आपने फीस नही भरी है आपका रिजल्ट नही दिखा सकते है !
क्या बीती होगी उस पिता पर ! कितना लज्जित महसूस किया होगा !
क्या अब स्कूलों में हर महीने होने वाली PTM का उद्देश्य केवल फीस कलेक्शन मात्र रह गया है या PTM के माध्यम से किन्ही कारणों से फीस ना भर पाने वाले अभिभावकों को सार्वजनिक मंच पर लज्जित करना !
अब लगता है कि
PTM का फूल फॉर्म पेरेंट्स टीचर मीट से शायद पेमेंट ट्रांसफर टू मैनेजमेंट हो गया है ।
इसी बीच आफिस से सहकर्मी का फोन आ गया कुछ अर्जेंट काम के लिए ।
मैने प्रेरणा और बेटे को बैठाया कार में और निकल पड़ा फिर से .....