प्राण कुमार शर्मा
प्राण कुमार शर्मा जिन्हें प्राण के नाम से भी जाना जाता था। भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय कार्टूनिस्ट प्राण ने १९६० से कार्टून बनाने की शुरुआत की। प्राण को सबसे ज्यादा लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने बनाया। सर्वप्रथम लोटपोट के लिए बनाये उनके ये कार्टून पात्र बेहद लोकप्रिय हुए और आगे चलकर प्राण ने चाचा चौधरी और साबू को केन्द्र में रखकर स्वतंत्र कॉमिक पत्रिकाएं प्रकाशित की। उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र मिलाप से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी। ६ अगस्त २०१४ को उनका कैंसर से निधन हो गया। प्राण कुमार शर्मा का जन्म 15 अगस्त 1938 को कसूर नामक कस्बे में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स के अनुसार, प्राण ने मुंबई के सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट्स में प्रशिक्षण लिया था और राजनैतिक विज्ञान में परास्नातक की डिग्री के अलावा उन्होंने फाइन आर्ट्स में चार वर्षीय डिग्री भी ली थी। प्राण ने 1960 से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी। पहली दफा उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित अख़बार मिलाप के लिए कार्टून बनाना आरंभ किया था। एम.ए. (राजनीति शास्त्र) और फ़ाइन आर्ट्स के अध्ययन के बाद सन 1960 से दैनिक मिलाप से उनका कैरियर आरम्भ हुआ। तब भारत में विदेशी कॉमिक्स का ही बोलबाला था। ऐसे में प्राण ने भारतीय पात्रों की रचना करके स्थानीय विषयों पर कॉमिक बनाना शुरू किया। भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय रचयिता कार्टूनिस्ट प्राण के रचे अधिकांश पात्र लोकप्रिय हैं पर प्राण को सर्वाधिक लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने ही बनाया। अमेरिका के इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट में उनकी बनाई कार्टून स्ट्रिप ‘चाचा चौधरी’ को स्थाई रूप से रखा गया है। प्राण के बनाए कार्टून चरित्र चाचा चौधरी और साबू घर-घर में लोकप्रिय किरदार बन गए। चाचा चौधरी का
चाचा चौधरी और गंगा उत्सव
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चाचा चौधरी और मासिक धर्म की शिक्षा
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बिल्लू और ओलंपिक गेम्स
काटूर्ननिस्ट प्राण ने एक बूढ़े सज्जन व्यत्तिफ़ की कल्पना की, जो अपनी तीव्र बुद्धिमत्ता से समस्याओं का समाधान करता हो। इस प्रकार चाचा चौधरी का उदय 1971 में हुआ। बृहस्पति ग्रह के लंबे और हट्टे-कट्टे निवासी साबू ने चाचा चौधरी का जबर्दस्त साथ दिया। बुद्ध
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