नहीं मंजूर तुम्हारा ऐसा लोकतंत्र
जहां भूख से मरते बच्चे कर्ज के बोझ से दबे किसान कासड़कों पर उतरना खतरा बन जाए, बिना जमीर जिंदा होना एक शर्त बन जाए,जहां सवाल पूछनादेशद्रोह कहा जाए,हक मांगना विकास का रोड़ा बन जाए मैं थूकता हूं ऐसे लोकतंत्र परजहां संविधान और विज्ञान नहीं धर्म रटने पर पुरस्कार दिया जाए सिर कटाना ही देशभक्ति बन जाएमैं