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नहीं मंजूर तुम्हारा ऐसा लोकतंत्र

26 फरवरी 2016

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जहां भूख से मरते बच्चे 
कर्ज के बोझ से दबे किसान का
सड़कों पर उतरना 
खतरा बन जाए, 
बिना जमीर जिंदा होना 
एक शर्त बन जाए,
जहां सवाल पूछना
देशद्रोह कहा जाए,
हक मांगना विकास का 
रोड़ा बन जाए 
मैं थूकता हूं ऐसे लोकतंत्र पर

जहां संविधान और विज्ञान नहीं 
धर्म रटने पर पुरस्कार दिया जाए 
सिर कटाना ही देशभक्ति बन जाए
मैं थूकता हूं ऐसे लोकतंत्र पर

अरे मैने तो संविधान को 
गीता कुरान से भी
पवित्र माना था,
लोकतंत्र को
अपना तंत्र माना था,
जिसमें सब अपनी बात को
बा आवाज ए बुलंद रख सकें,
इसे आसमान से भी विशाल 
अर्थों वाला माना था 
वसुधैव कुटुंबकम का पहला 
चरण माना था 
यह तो सत्ता के दलालों
के हाथ फंस कर रह गया 
कार्पोरेटों के हाथ खेलने लग गया
हमने इसे घर जैसा माना था 
जहां एक का दुख
सबका दुख होता है,

लेकिन यह क्या ! 
जिसे हमने चुनकर संसद भेजा 
वह कुर्सी पाते ही बेगाना निकला 
लोकतंत्र तो उल्लू बनाने का कारखाना निकला,
गर ऐसा ही होता है लोकतंत्र 
तो थूकता हूं इसपर,

गर हड़ताल को कुचलकर 
विकास का फूल खिलेगा
कला का रंग बस लुटियंस जोनों में चढ़ेगा,
चुना हुआ प्रतिनिधि बस 
एक प्रतिशत की ही सुनेगा,
तो थूकता हूं ऐसे लोकतंत्र पर 
हर बार थूकूंगा इस पर 
कितनी बार लटकाओगे फांसीपर 


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मन कहे कहे आवारा बन जा ...

24 मई 2015
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मनवा कहे आवारा बन जा...

2 जून 2015
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कभी-कभी लगता है आवारा बन जाएं | मन करता है कि उठाएं एक छोटा बैग और निकल जाएं कहीं दूर बिना किसी उद्देश्य के| बस ट्रेन के पास वाली खिड़की मिल जाए और हरे भरे खेतों अपलक निहारते हुए चलते जाएं | किसी भी स्टेशन पर उतर जाएं फिर आगे का सफर किसी ट्रक के पीछे बैठ कर पूरा करें | किसी ढ़ाबे पर अपनी क्षुधा शान्

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नहीं मंजूर तुम्हारा ऐसा लोकतंत्र

26 फरवरी 2016
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जहां भूख से मरते बच्चे कर्ज के बोझ से दबे किसान कासड़कों पर उतरना खतरा बन जाए, बिना जमीर जिंदा होना एक शर्त बन जाए,जहां सवाल पूछनादेशद्रोह कहा जाए,हक मांगना विकास का रोड़ा बन जाए मैं थूकता हूं ऐसे लोकतंत्र परजहां संविधान और विज्ञान नहीं धर्म रटने पर पुरस्कार दिया जाए सिर कटाना ही देशभक्ति बन जाएमैं

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राष्ट्रवाद

26 फरवरी 2016
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डार्विन अच्छा किया तुमने बता दिया कि हम बंदर थे अब कह सकूंगा खुदा सेइंसानों को फिर से बंदर कर देना देना दोबारा ऐसा दिमाग इसकी बुद्घि को भी बंजर कर देताकि ना पनप सके फिर राष्ट्रवाद इस कमजर्फ नें धरती को लाल कर दियासिर्फ दो सौ सालों में लाशों से पाट दियादेखते ही देखते इसनें दुनिया को कंटीली बाड़ों में

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