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प्रेक्षा डॉन गोधा की डायरी

प्रेक्षा डॉन गोधा

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preksha don godha ki dir

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पुस्तक के भाग

1

पुरस्कार

4 अक्टूबर 2019
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पुरस्कारमेरे अच्छे कर्मों के लिए,मुझे पुरस्कार है मिला।मेरी प्यारी प्यारी बहना,उसका वाह क्या है कहना।धरती मिली है भारत जैसीजो है हमारी माँ के जैसी।ये पर्यावरण मिला है ऐसापिता जैसे सब देते वैसा।और मिले संस्कार महानजैसे प्यारा हिंदुस्तान।एक पुरस्कार और मैं चाहूं,किसी को भूखा न मैं पाऊँ।देना है तो दे द

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मेरी माँ

31 अक्टूबर 2019
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मेरी आवाज भी वो है मेरा अंदाज़ भी वो हैमेरी सुबह और मेरी शाम भी वो है।होता नही दिन उसके बिना मेरामेरी जिंदगी की शुरुआत भी वो हैउसके बिना मैं अधूरीमेरी कहानी भी वो हैमेरा किस्सा भी वो हैमेरी कविता की रवानी है वोमेरी जान मेरी जिंदगानी है वोकहती है मुझे तू शैतान बहुत है ।जिद्दी है तू नादान बहुत हैअब उसे

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