पुरस्कार
मेरे अच्छे कर्मों के लिए,
मुझे पुरस्कार है मिला।
मेरी प्यारी प्यारी बहना,
उसका वाह क्या है कहना।
धरती मिली है भारत जैसी
जो है हमारी माँ के जैसी।
ये पर्यावरण मिला है ऐसा
पिता जैसे सब देते वैसा।
और मिले संस्कार महान
जैसे प्यारा हिंदुस्तान।
एक पुरस्कार और मैं चाहूं,
किसी को भूखा न मैं पाऊँ।
देना है तो दे दो परी को,
सब मिल कर ये पुरस्कार ।
न अनाथ कोई मिले सड़क पर,
न वृद्ध मिले घर के बाहर ।
प्रेक्षा डॉन गोधा परी
11 वर्ष दुर्ग छत्तीसगढ़