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पंजाब की सुगंध लिए 'चक दे'

19 अगस्त 2015

421 बार देखा गया 421
featured imageआज शहर के बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग की जुबां’ तक ‘चक दे फट्टे’ और ‘चक दे इंडिया’ बात-बात पर सुनाई देता है I इसका प्रमुख कारण फिल्म निर्माता चोपड़ा परिवार की ‘चक दे इंडिया’ फिल्म ने ‘चक दे’ शब्द को जो पंजाब तक ही सीमित था उसे और व्यापक बना दिया I यह एक अच्छी बात है I दरअसल, ‘चक दे’ शब्द कहाँ से आया और इसका क्या अर्थ है इसे जानने के लिए हमें भारतीय इतिहास के सागर में गोते लगाने पड़ेंगे I ‘चक दे’ शब्द के मूल में महाभारत का एक कथानक प्रसिद्द है I भीमसेन और जरासंध के मल्लयुद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने भीमसेन को इशारे से समझाया कि जरासंध को किस प्रकार परास्त करें I उन्होंने सरकंडे को चीरकर भीमसेन को संकेत से समझाया कि वे क्या करें I जरासंध पूरब अर्थात वर्तमान बिहार का एक शक्तिशाली शासक था I भगवान श्रीकृष्ण जानते थे कि पांडवों का पूरे आर्यावर्त का सम्राट बनने का सपना तभी पूरा हो सकता है जब जरासंध पराजित हो I भीमसेन के मल्लयुद्ध की चुनौती जरासंध ने वरदान के कारण स्वीकार कर ली थी I भगवान श्रीकृष्ण की सलाह पर भीमसेन ने जरासंध की जंघाओं (फट्टों) की ओर इशारा कर सरकंडे को चीरकर दो भागों में विभक्त कर दिया I भीमसेन ने संकेत का अनुसरण कर जरासंध को पराजित कर दिया I पूरब में पांडवों के प्रभुत्व के विस्तार करने की भगवान् श्रीकृष्ण की नीति सफल हो गयी I पंजाब पहुँचते-पहुँचते ‘चीर दे’ शब्द ‘चक दे’ शब्द में परिणित हो गया I ‘चक दे’ शब्द का प्रयोग मल्ल्युद्धों अर्थात कुश्ती में अपने-अपने पहलवानों का उत्साहवर्धन करने के लिए होने लगा I लोग ‘चक दे फट्टे’ और ‘चक दे’ को पूरे जोर-शोर से उच्चारित कर उत्साहवर्धन करते हैं I ‘चक दे इंडिया’ फ़िल्म में इस शब्द का प्रयोग पूरे भारत में लोकप्रिय हो गया I इस फिल्म में ‘चक दे’ का प्रयोग हॉकी खेल में उत्साह भरने के लिए किया गया है I अब तो क्रिकेट मैच के दौरान भी ‘चक दे’ और ‘चक दे इंडिया’ के उद्घोष से टीम का उत्साहवर्धन किया जाता है I इस शब्द का प्रयोग अब राजनीति में भी किया जाने लगा है I अब ‘चक दे इंडिया’ शब्द से प्रभावित होकार कई चैनलों में इससे मिलते-जुलते नृत्य और गायन के कार्यक्रमों का भी प्रसारण शुरू हो गया है I भाषा के विकास में भी यही नियम है कि विकसित हो रही भाषा के नए-नए शब्दों को ग्रहण करते हैं और दूसरी भाषा को अपने शब्द भी देते हैं I कोई भी शब्द किसी भी भाषा या बोली में कितना लोकप्रिय होगा, इसका फ़ैसला आम जनमानस पर केन्द्रित होता है I एक भाषा का शब्द दुसरे देश या प्रदेश में पहुंचकर किस प्रकार परिवर्तित हो जाता है इसके अनेकों उदाहरण हैं, जैसे संस्कृत का शब्द ‘पथ’ यूरोप में पहुंचकर ‘path’ बन गया I इसी प्रकार ‘हवन’ शब्द ‘oven’ और ‘द्वार’ शब्द ‘door’ बन गया I डॉ. अरविन्द अरोड़ा अध्यक्ष कानपुर इतिहास समिति प्रस्तुति : अनूप कुमार शुक्ल
nimit221

nimit221

बहुत अच्छा लिखा गया हे

20 अगस्त 2015

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रचनाएँ
matristhan
0.0
इस आयाम के अंतर्गत आप इतिहास, पुरातत्व तथा साहित्य सम्बन्धी प्राच्य अभिलेखों का अवलोकन कर सकते हैं I

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