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अनूप कुमार शुक्ल के बारे में

संपादक हिन्दी मासिक पत्रिका 'मातृस्थान'

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अनूप कुमार शुक्ल की पुस्तकें

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अनूप कुमार शुक्ल के लेख

व्रत

22 अगस्त 2015
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शुक्रवार का दिन था अर्थात राधा के साप्ताहिक व्रत का दिन I दिन भर के थके-मांदे पति शिवनारायण साइकिल खड़ी करके जैसे ही घर में घुसे, पत्नी राधा बरस पड़ी, “अब आ रहे हो, कहा था ज़रा जल्दी आने को, तो आज रोज़ से भी देर में आए हो, अब मैं मन्दिर कैसे जाऊँगी I बाबूजी को समय से खाना नहीं मिलेगा तो वे अलग हल्ला मचा

महान ब्रह्मावर्त

22 अगस्त 2015
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हमारा ब्रह्मावर्त महान !श्री विष्णु ने नाभि कमल से ब्रह्मा को जन्माया,करो सृष्टि रचना बिठूर में उत्तम क्षेत्र बताया,ब्रह्माजी ने यज्ञ शक्ति से किया सृष्टि निर्माण Iहमारा ब्रह्मावर्त महान !अखिल विश्व का केंद्र बिंदु यह ब्रह्मावर्त कहाता,गड़ी जहाँ ब्रह्मा की खूंटी, जन-जन शीश झुकाता,निकट इसी के आरक्षित

साहसी बालक

21 अगस्त 2015
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शुभ वर्षा का समय मेघ नभ में छाये थे,त्रण संयुत थी भूमि दृश्य भी मन भाये थे Iथा शुभ प्रात: काल विहग उड़ते बहु सुन्दर,शीतल मंद सुगन्ध सनी थी पवन मनोहर Iनिज-निज शय्या त्याग शौच से छुट्टी पाकर,चले निरावन खेत कृषक मन में हर्षा कर Iपुस्तक ले निज हाथ चले बालक पाठशाला,कर ईश्वर का ध्यान यती-जन फेरे माला Iदेखो

हिन्दी

21 अगस्त 2015
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तुलसी की भक्ति का संबल पा, मर्म की बात बतावत हिन्दी Iसूर की आँखिन में बसि कै, ब्रज बीथिन रास रचावत हिन्दी Iरसखान के अंतस में बसि के, नित प्रेमसुधा बरसावत हिन्दी Iनित स्नेह-सनेही में डूबी हुई, पथ सैकड़ों को दरसावत हिन्दी Iबड़ी बेटी कहावत संस्कृत की, मन मोहनि रूप बनावत हिन्दी Iअवधी ब्रज भोजपुरी बनती, जन

पंजाब की सुगंध लिए 'चक दे'

19 अगस्त 2015
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आज शहर के बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग की जुबां’ तक ‘चक दे फट्टे’ और ‘चक दे इंडिया’ बात-बात पर सुनाई देता है I इसका प्रमुख कारण फिल्म निर्माता चोपड़ा परिवार की ‘चक दे इंडिया’ फिल्म ने ‘चक दे’ शब्द को जो पंजाब तक ही सीमित था उसे और व्यापक बना दिया I यह एक अच्छी बात है I दरअसल, ‘चक दे’ शब्द कहाँ से आया और इस

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