कौन बिगाड़ रहा है समाज ?
शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब अखबार और न्यूज़ चैनलों में दुष्कर्म या छेड़खानी की कोई घटना न हो !आखिर ऐसा क्यूँ हो रहा है ? दिल्ली के उस आंदोलन के बाद भी ये घटनाये रुक क्यूँ नही रही है? आखिर समाज कहाँ जा रहा है?कहीं ये वो तथाकथित विनाश की शुरुआत तो नहीं है जिसका जिक्र माया सभ्यता में क