जीवन साथी
दूर आसमान के किनारे
जब सूरज है धुंधलाता
थामें, कस के हाथ तेरा
कोई कांधे पे है सिर झुकाता
हो गया जो दुश्मन
ये ज़माना भी, तो क्या
मैं साथ हूँ सदा तेरे
ये कहते कभी थक नही पाता
उदासी की स्याह रात में भी
जो उम्मीद की किरण है जगाता
तेरी हर मुश्किल को अपना बना के भी
है यू हमेशा ही मुस्कुराता
तू लड़ेंगा -