shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

rajeevgupta

राजीव गुप्ता

3 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

 

rajeevgupta

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

परी

28 जनवरी 2015
0
0
0

आसमान से नीचे आई, मेरे लिए तू एक परी बातें तेरी लगतीं जैसे, मिश्री की हो कोई डली तेरा दिल और मेरा दिल, अब दोनों साथ धड़कते हैं बिन तेरे अब मैं हूँ जैसे, जल के बिना कोई मछली मेरा जीवन बिन रंगों के, दिखता था बस श्वेत श्याम तेरे आने से है आई, इसमें रंगों की होली इतना वादा मेरा तुझसे, प्यार करूँगा मै

2

भारत

28 जनवरी 2015
0
1
0

इक चाहत है, इक सपना है, और हमें उम्मीद भी है आकाश में इक दिन खुद ही तिरंगा, हवा के बिन लहराएगा भारत हमको मिल जाएगा भ्रष्टाचार का नाम ना होगा, लूट-पाट का कहीं अरमान ना होगा ऊँच-नीच का नामोनिशान ना होगा, कोई हिन्दू कोई मुसलमान ना होगा होली ईद पे इक इन्सां, इन्सां को गले लगाएगा भारत हमको मिल जायेगा द

3

तन्हाई

28 जनवरी 2015
0
1
1

आज ये दिल पे जाने कैसी घटा छाई है तसव्वर में भी उनके, आज क्यूँ तन्हाई है उनकी तस्वीर नज़र क्यूँ आती धुंधली सी वक़्त की धूल अभी इसपे कहाँ छाई है लबों पे शिकवे लिए, सामने पाया है उन्हें उनकी यादों में मैंने जब भी ग़ज़ल गाई है फासला अब तो दरमियाँ हमारे मीलों का आज फिर उनकी ये सदा कहाँ से आई है उनके दीद

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए