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समाज सेवी एवम् गीत,ग़ज़ल और मुक्तक एवं भजन आदि लेखन कार्य।।

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प्रेरक प्रसंग

23 अप्रैल 2022
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मुक्तक----कांटों में भी रास्ता मिल सकता है।सहरा में भी पुष्प खिल सकता है।।अगर सकारात्मक भाव मन में हो तो।एक कंकर से आसमां हिल सकता है।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक गुप्ता ✍️✍️आगरा यूपी

प्रेरक संदेश

23 अप्रैल 2022
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प्रेरक संदेश-------रुको न झुको अपनी बात बेवाकी से जाहिर करो।लक्ष्य मिले न मिले कोई ग़म नहीं करना कभी यारों।।सदैव अपनी सृजनशीलता की ललक जिंदा रखना।हरेक बिषम परिस्थिति में भी हार नहीं कदापि मानना।।प्रेर

प्रकृति प्रेम

21 अप्रैल 2022
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कविता --धरती माता----हे धरती माता हम सदा तेरे कर्जदार रहेंगे।तेरी ही गोद में पले बढ़े और खेलते रहेंगे।।तेरा आंचल चीर नाना भांति की फसलें उगाते।वृक्षों से हरियाली ईंधन बीज,फल शुद्ध हवा पाते।।अनेक प्रका

प्रेम

18 अप्रैल 2022
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रुवाइयां------प्यार नहीं चिरस्थाई जो देखे सो डूबा है।परिवर्तनशील है प्यार जगत में आशिक हो या महबूबा है।।प्यार सदा कोहिनूर से ज्यादा चमकीला है।अंतर्मन में झांक के देखो यारो प्यार का रंग अजूबा है।।स्वरच

अपराध---कुण्ड़ली

16 अप्रैल 2022
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कुण्डली---दिल्ली में दंगाइयों ने ऐसा मचाया उत्पात।धार्मिक जुलूस पर की पत्थरों से बरसातपत्थरों से बरसात कई जख्मी लोग, पुलिस वालेविधर्मियों ने किये कई वाहन आग के हवालेसेवक*वक्त बड़ा बेढंगा रामभक्त

आध्यात्मिक

15 अप्रैल 2022
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हनुमान जन्मोत्सव पर बंदना---श्री राम दूत पवनपुत्र प्रणम्य सर्व कार्य सिद्धि,अहम् त्वमेव शरणागतम् पाहि माम पाहि माम,नमामि हनुमंते नमः।।सभी मित्रों को हनुमान जी जन्मोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएंस्वरचित--ब

परिवार

15 अप्रैल 2022
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मेरी रुवाइयां----पिता के बिना जिंदगी बीरान है।सफर तन्हा मगर राह सूनसान है।।वहीं मेरे जमीन वहीं मेरे आसमां है।वहीं मेरे लिए खुदा और वहीं भगवान हैं।।स्वरचित--रुवाइयां--रामसेवक गुप्ता ✍️✍️आगरा यूपी

शायरी---प्रेम

13 अप्रैल 2022
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#शायरी---प्यार क्या है----कुछ भी हासिल न करने की उम्मीद।और जुदा होने का खौफ जिगर में बताता रहे।।यही सच्चे प्यार की अनूठी दास्तान है।दो प्रेमियों को अपनेपन में बेजोड़ बांधता रहे।।स्वरचित---शायरी--- राम

अध्यात्मिक---मुक्तक

7 अप्रैल 2022
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मुक्तक----मां अनाचार बढ़ रहा देश में आप रौद्र रूप धारों।अब शैतानों का गला खींचकर धर-धर दे मारो।।अबलाओं पर ज़ुल्म बढ़ रहे कोन उनको बचाये।चण्डी का साहस दो माता फिर ना कोई सताये।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक

अध्यात्मिक ---मुक्तक

6 अप्रैल 2022
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मुक्तक-----हे जगदम्बे मैया हमारी आपसे गुजारिशसबके दिलों पर करदो रहमतों की बारिशहर शख्स है दुःखी मुशीवतों का दौर है।आसरा तेरा लिया फिर जाना न कहीं और है।।स्वरचित मुक्तक--रामसेवक गुप्ता ✍️आगरा यूपी

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