तुमसे मिलने को हरदम ही ये जी ललचाता है तेरा याद आना आँखों को अक्सर ही भीगता है तेरे साथ होने का एहसास ही मुझे ख़ुशी दिलाता है तुमसे दूर रहना मुझे.. बड़ा सताता है... तेरी चाहत के सपने ये दिल रोज़ सजाता है अब तुम ही बूझो ये रिश्ता क्या कहलाता है...!!!!
5 जनवरी 2018
तुमसे मिलने को हरदम ही ये जी ललचाता है तेरा याद आना आँखों को अक्सर ही भीगता है तेरे साथ होने का एहसास ही मुझे ख़ुशी दिलाता है तुमसे दूर रहना मुझे.. बड़ा सताता है... तेरी चाहत के सपने ये दिल रोज़ सजाता है अब तुम ही बूझो ये रिश्ता क्या कहलाता है...!!!!