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रिश्ते - Rishtay

4 अप्रैल 2020

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कौन किसके लिए जीता है आज ज़माने मे

उम्र गुजार देते है लोग चंद सिक्के कमाने में।।

एक पल भी लगता नहीं तोड़ने में रिश्तों को

मैने तो उम्र लगा दी दिलो को करीब लाने में।।

अहमियत ही ना रही अपनी पराये की आज

सभी लगे हुए है दिखावटी रिश्ते निभाने में।।

जो खुद रिश्तो की कसौटी पैर खरे उतरे नहीं

आज वही लोग लगे हुए है मुझे आजमाने में।।

-अनिल

Poetry and photography: रिश्ते - Rishtay

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