मेरा गांव
मेरा गांव शहर से क्या कम हैं।शुद्ध हवा और वातावरण है रेत के टीलों पर छा जाती हैंघनघोर घटाएंनज़ारे यह हिमाचल से क्या कम हैं।चलती है जब बरखा सावन की,धरती -अम्बर का मिलनास्वर्ग से क्या कम है।बादल ओढ़ा के जाता चुनरी हरियाली की बहना को,रिश्ता इनका रक्षाबंधन से क्या कम हैं।