shabd-logo

संरक्षण के प्रयास में सभी पक्षी प्रेमियों का योगदान आवश्यक

23 सितम्बर 2022

13 बार देखा गया 13




संरक्षण के प्रयास में सभी पक्षी प्रेमियों का योगदान आवश्यक 


धार जिले की सरदारपुर तहसील में व् मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के स्थानों के अलावा महाराष्ट्र,गुजरात, हरियाणा, आंध्रप्रदेश में भी ये देखे गए|ये खरमोर पक्षी प्रजनन काल हेतु उनके पसंदीदा स्थानों का चयन  कैसे कर लेते है |ये शोध का विषय है | खरमोर पक्षी दक्षिण भारत की दिशा से उड़ान भरते हुए प्रति वर्ष आते है| कोमल घास में कुछ समय अपना प्रजननं काल व्यतीत कर दक्षिण एवं उत्तरी पूर्व भारत आदि की  और लौट जाते है | दुनिया भर में कई पशु -पक्षी ऐसे है जो अपने मनपसंद स्थान का चयन अपनी याददाश्त के जरिये  कर लेते है| बड़ी तेजी से विलुप्त  हो रही प्रजातियों में शामिल खरमोर पक्षियों के जोड़ो का सरदारपुर अभ्यारण में जुलाई से अक्टूबर तक यहाँ पक्षी प्रजनन व्इ वंश संवर्धन करके वापस अपने पूर्व स्थान की और उड़ जाते है| पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों में मादा को रिझाने के लिए नर तमाम किस्म के करतब दिखाते हैं। जैसे मोर करते हैं।खरमोर भी अपने अद्भुत उछाल के लिए जाने जाते हैं। प्रजनन काल में वे टिटकारी जैसी आवाज निकालते हुए दो-दो मीटर ऊंची उछाल लगाते हैं। इस दौरान उनकी टिटकारी की आवाज काफी दूर  दूर तक सुनाई पड़ती है | मादा खरमोर पक्षी को आकर्षित करने के लिए नर खरमोर तेज गति से विशेष प्रकार की आवाजे पैदा करता हे  साथ ही करतब दिखा कर रिझाने का प्रयास करता है | लेकिन, अब इस पक्षी को देखना लगातार दुर्लभ होता जा रहा है। खरमोर की आबादी समाप्त होने के पीछे कई कारणों को जिम्मेदार माना जाता है।खेती में कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग के चलते कीटों की संख्या बेहद कम होती जा रही है। इसके चलते पक्षी के सामने पेट भरने की समस्या पैदा हो गई है। यह घास वाले  मैदानों में रहने वाला पक्षी है और इसके रहवास में ज्यादा से ज्यादा अब खेती होने लगी है। इससे इस पक्षी को रहने के लिए जगह नहीं मिल रही है। घास वाले मैदानों में जमीन पर ही यह अपना घोसला  बनाता है। लेकिन, आवारा कुत्ते एवं जंगली जानवर इनके  घोंसले को नष्ट कर इन पक्षियों के चूजों का शिकार कर लेते हैं।खरमोर पक्षी का दूसरा नाम चिन मोर और केर मोर से भी जाना जाता हे।खरमोर पक्षी के ऊंचाई 50 सेंटीमीटर और वजन1किलो से लेकर 2 किलो तक होता हे।खरमोर पक्षी का सिर और गर्दन काले रंग की होती हे। नर खरमोर पक्षी के सिर में आकर्षित कलगी होती हे।खरमोर पक्षी अपनी लम्बी टांगो की वजह से तेजी से दौड़ भी सकते हे।इनके लिए ,संरक्षित स्थानों को दूषित वातावरण से मुक्त रखना होगा ।अवैध शिकार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी सुनिश्चित करना होगी ।जिससे पक्षियों में वृद्धि दिखाई देकर लुप्तप्राय प्रजाति को बचाया जा सके एवं नई प्रजाति के पक्षियों की खोज एवं शोध को जारी रखा जाकर इन पक्षियों के साथ प्राकृतिक आपदा ,मौसम के पूर्व संकेत बताने वाले अन्य पक्षियों को भी बचाया जा सके ।  

संजय वर्मा 'दॄष्टि '

मनावर (धार )मप्र 



 

संजय वर्मा " दॄष्टि " की अन्य किताबें

1

लोग वाकई ना समझ है

14 जनवरी 2022
0
0
0

लोग वाकई ना समझ है वर्तमान में कई वृद्ध झेल रहे परिजनों का तिरस्कार।जिसकी मुख्य वजह जैसे   आधुनिकीकरण ,कामकाजी लोगो का स्थानांतरण व् युवाओ का शहरों की ओर पलायन आदि से बुजुर्गो की अनदेखी हो रही है

2

तंबाकू निषेध से जागरूकता लाने का प्रयास करें

14 जनवरी 2022
0
0
0

तंबाकू निषेध से जागरूकता लाने का प्रयास करें   तंबाकू सेवन से जन्मे अनेक रोगों से बचने हेतु सलाह दी जाना चाहिए।एक जानकारी के मुताबिक बढ़ती लत कारण मुख केंसर के मरीजो की संख्या लाखों के लगभग है |घ

3

लंपी स्किन वैक्सीन शीघ्र लगाए जाने की आवश्यकता है

23 सितम्बर 2022
0
0
0

लंपी स्किन वैक्सीन  शीघ्र लगाए जाने की आवश्यकता है  मध्यप्रदेश में गाय में लंपी वायरस ने दी है दस्तक। कई राज्यों में अधिकांश जिलों में पशुओं पर लंपी वायरस के संक्रमण से पीड़ित करदिया है।

4

मोबाइल संदेश अग्रिम त्योहार एवं कार्यक्रमों की अग्रिम शुभकामनाएं देने को उतावला

23 सितम्बर 2022
0
0
0

मोबाइल संदेश अग्रिम त्योहार एवं कार्यक्रमों की अग्रिम शुभकामनाएं देने को उतावला वर्तमान में फेसबुक, वाट्सअप ने टॉकीज, टीवी,वीडियो गेम्स, रेडियो आदि को काफी पीछे  छोड़ दिया।कहने का मतलब ह

5

रावण की ममी और दाह संस्कार का रहस्य

23 सितम्बर 2022
0
0
0

रावण की ममी और दाह संस्कार का रहस्य  रामायण काल के 10000 साल बाद शोधकर्ता एस वी सुदर्शन के अनुसार रावण का दाह संस्कार  नहीं किया गया और उसकी ममी श्रीलंका में मौजूद है | रणभूमि में भगवान राम के द्

6

संजा: प्रेम ,एकता और सामंजस्य का सृजन करती

23 सितम्बर 2022
0
0
0

संजा:  प्रेम ,एकता और सामंजस्य  का सृजन करती    लोककलाओं की संस्थाए में बड़ी संख्या में लड़कियाँ एकत्रित होकर संजा बनाती है। छत्तीसगढ़ ,बुंदेलखंड क्षेत्र में लड़किया झाड़ की पत्तियाँ को विशेषकर नीबू को

7

संरक्षण के प्रयास में सभी पक्षी प्रेमियों का योगदान आवश्यक

23 सितम्बर 2022
0
0
0

संरक्षण के प्रयास में सभी पक्षी प्रेमियों का योगदान आवश्यक  धार जिले की सरदारपुर तहसील में व् मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के स्थानों के अलावा महाराष्ट्र,गुजरात, हरियाणा, आंध्रप्रदेश में भी ये देखे गए

8

नदी की गुहार

23 सितम्बर 2022
0
0
0

नदी की गुहार जिंदगी क्या है एक बहती नदी जो सुख दुःख के किनारों से  टकराकर चलती चलती तो है जब दुःखो का पहाड़  गिरता तो बादल से रिश्तें मुँह मोड़ लेते नदियाँ सूखने लगती

9

संजा

23 सितम्बर 2022
0
0
0

संजा गांवों में घरो की दीवारों पर  ममता भरा  आँचल का अहसास होता  जब मंडती संजा दीवारें सज जाती गाँव की  और संजा बन जाती जैसे दुल्हन  प्रकृति के प्रति स्नेह को  दीवारों पर जब बा

10

तितलियों की विलुप्त प्रजाति बचाने पर ध्यान दिया जाए

23 सितम्बर 2022
0
0
0

तितलियों की विलुप्त प्रजाति बचाने पर ध्यान दिया जाए कुछ समय पहले मध्य प्रदेश से पर्यावरण प्रेमियों के लिए बहुत ही अच्छी खबर आई थी की दो कीटविज्ञान शास्त्री  ने तितली की एक प्रजाति,एक्सेरसिस ब्लू ढूंढ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए