लंपी स्किन वैक्सीन शीघ्र लगाए जाने की आवश्यकता है
मध्यप्रदेश में गाय में लंपी वायरस ने दी है दस्तक। कई राज्यों में अधिकांश जिलों में पशुओं पर लंपी वायरस के संक्रमण से पीड़ित करदिया है।लाखों गाय संक्रमित के अलावा हजारों की संख्या मे गायों को मौत हुई है।कई प्रदेशों में हेल्पलाइन नम्बर चिकित्सा हेतु जारी भी किया गया है।साथ ही लंपी वायरस का टीका मुफ्त लगाए जाने की घोषणा शासन द्वारा की गई।लंपी पॉक्स वायरस द्वारा पशुओं से पशुओं में फैलती है।यह रोग मच्छर,काटने वाली मक्खी और टिक्स द्वारा एक दूसरे पशुओं में फैलता है।इसमें बुखार रहकर पशुओं के शरीर पर गठानें उत्पन्न करता है।पशुओं को इस रोग से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।जैसे दूध उत्पादन में कमी,गर्भपात,बांझपन बीमारियों आदि से पशुओं की मृत्यु भी हो जाती है।बीमारी के लक्षण दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक को सूचित किया जाना चाहिए।ताकि समय पर उचित इलाज शीघ्र मिल सकें।संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग कर देना चाहिए।क्वारेंटन का रखना चाहिए।पशुओं को हरा चारा,तरल खाद्य पदार्थ आहार में देना चाहिए।।ऐसा लगता है कि कोरोना की तरह गौ माता को टारगेट किया गया है।जैविक युद्ध Biological War भी हो सकता है। लाख से अधिक गोवंश पिछले कुछ दिनो मे मर गई। यह छुआछूत की बीमारी की शुरुआत जाम्बिया देश से हुई थी।बीमारी का पहला केस अफ्रीका में 1929 को सामने आया था।लगने वाले पशु बाजार में ,एवं अन्य राज्यों से पशुओं की खरीदी बिक्री जांच उपरांत बाद ही की जाना उचित होगी।इसपर नजर रखने हेतु एक अभियान चलाकर पशुपालन कर्ताओ में जागरूकता ला कर गोवंश को बचाने एवं उनके उचित इलाज हेतु सेवा का पुनीत कार्य हेतु भी तेजी लाया जाना होगा।इसके एहतियात बरतने हेतु पड़ोसी राज्यों से पशुओं की खरीदी जांच उपरांत की जाए।गायों के इलाज हेतु शीघ्र उपचार किया जाए ताकि लंपी वायरस ज्यादा ना फैल पाए।
आज भी कई घरों में गाय की रोटी रखी जाती है गाय का मूत्र गौ औषधि है । माँ शब्द की उत्पत्ति गोमुख से हुई है । मानव समाज में भी माँ शब्द कहना गाय से सीखा है ।जब गौ वत्स रंभाता है तो" माँ" शब्द गुंजायमान होता है । गौ -शाला में बैठकर किये गए यज्ञ हवन ,जप-तप का फल कई गुना मिलता है ।आज भी कई घरों में गाय की रोटी रखी जाती है । कई स्थानों पर संस्थाएं गौशाला बनाकर पुनीत कार्य कर रही है । जो की प्रशंसनीय कार्य है। गौ रक्षा पालन संवर्धन हेतु सामाजिक धार्मिक संस्थाएं एवं सेवाभावी लोग लगातार संघर्षरत है| लंपी पॉक्स वायरस को दूर करना आवश्यक है।
लंपी वायरस कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है।वैक्सीन का सफल परीक्षण शीघ्र हो ताकि जल्द से जल्द वैक्सीन एक अभियान के तहत पशुपालकों के पशुओं को लग सकें।इससे संक्रामक बीमारी अन्य दुधारू पशुओं में फैलने से रोक सकें।लंपी वायरस का जानवरों में खतरा तेजी से बढ़ रहा है।बीमारी से ग्रसित दुधारू गाय और भैंस की दूध देने की क्षमता घट रही है।लँपी वायरस के खतरे को देखते हुए कई प्रदेशों में गोट पॉक्स की वैक्सीन लगाने की एडवाइजरी से पशुओं के मरने की घटनाएं कम हुई है।किंतु लंपी स्किन वैक्सीन की शीघ्र लगाए जाने की आवश्यकता है।ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें।आशा है शीघ्र वैक्सीन लगाने से ही दुधारू पशुओं की जान की सुरक्षा हो सकेगी।सामाजिक संगठनों को भी गो सेवा अभियान में जागरूक होना होगा।
संजय वर्मा"दॄष्टि"
125,बलिदानी भगत सिंह मार्ग
मनावर जिला धार मप्र 454446