सरदार शहर का वो अद्भुत नजारा,
जहाँ जुनून ने सबको पुकारा।
स्काउट-गाइड का मेल हुआ,
हर दिल में एक नया खेल हुआ।
जिला स्तरीय जंबूरी की शान,
भारत का गर्व, बढ़ा सम्मान।
दिशा, अनुशासन, सेवा का भाव,
हर कदम पर मिला स्वाभिमान का चाव।
मिनी जंबूरी का वो हर्षित पल,
जहाँ जुड़े दिल, हर मन निर्बल
परिचय संस्कृति और भाईचारे का,
जैसे दीप जले एक सहारे का।
प्रकृति संग जब कदम बढ़ाए,
मित्रता के धागे सबने गूंथाए।
सेवा, सहयोग, और समर्पण,
इन मूल्यों का हुआ संपादन।
हर गतिविधि में सीख छिपी थी,
हर खेल में उमंग मिली थी।
आल्हादित चेहरे, उमंग भरे,
सपने नए, लक्ष्य खरे।
यह जंबूरी नहीं, था एक त्यौहार,
जहाँ गूंजे संगठित स्वर हजार।
तुकांत शब्दों में कहूँ यही,
"स्काउट-गाइड का गर्व सदा रहे सही।"