अमरकंटक की कहानी लिख रही है नर्मदा।। बह रहा यूँ वेग मानो शीश पर पर्वत लदा।। अंगड़ाइयाँ लेती लहर जैसे कोई नागिन चले।। गर्जना से आज अम्बर के सितारे भी हिलें।। काटती पत्थर जो गिरती भूमि पर लहरें तुम्हारी
सीमा (आपकी ख्वाहिशों को मैंने सम्भाल रखा है) बेटा अब खुद काम करके पैसे कमाने वाला हो गया था, इसलिए बात - बात पर अपनी माँ से झगड़ पड़ता था। ये वही माँ थी जो बेटे के लिए पति से भी लड़ जाती थी। मगर अब
"राजमाता नायिका देवी पाटन" *क्षत्राणी "चालुक्य (सोलंकी) राजपूतो का पराक्रम" *राजमाता नायिका देवी जिसने साबुद्दीन मोहम्मद गोरी को भारत में पहली पराजय का रास्ता दिखाया युद्धभूमि में धूल चटा दी थी।
द्वितीय विश्व युद्ध का जनक एडोल्फ हिटलर-----------------------------------------------------------------हिटलर से ज्यादा महत्वाकांक्षी इंसान शायद ही इस धरती पर कोई पैदा हुआ होंगा। एडोल्फ़ हिटलर एक ऐसा न