10 सितम्बर 2015
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नई रचनाओं को पसंद करता हूँ . D
अच्छी शुरूवात के लिए आपको बधाई!
11 सितम्बर 2015
आईये हिंदी माह की शुरुआत करते हैं और संकल्प लेते हैं की इस महीने की एक सुबह हिंदी में बोलेंगे शुभ प्रभात. वरना रोज तो गुड मॉर्निंग में ही बीत जाता है. ऐसा मौका फिर अगले साल ही मिलेगा.
आज की तेज भागती दुनिया में शब्दनगरी जिस धीमी गति से काम कर रही है उस से कही ज्यादा मुझे हिंदी की रफ्तार तेज प्रतीत होती है।लोग एक 'ग' ,दो 'ग',नहीं बल्कि चार 'ग' के यंत्रों का प्रयोग कर पाँच 'ग' की फिराक में हैं,परंतु शब्दनगरी पुन:तार वाली कहानी कह रही है।कुछ तो करिए भाईसाहब।।।