शीर्षक-लोरी गीत
हे लाल! मेरे हे चांद मेरे! मीठे सपनों में तू खोजा,
है देखना दुनिया परियों की अब जल्दी से तो तू सोजा ।। ..
जो सोयेगा तू जल्दी से मैं चांद खिलौना लाऊंगी,
फिर सुबह- सुबह ले साथ तुझे मैं बागों में ले जाउंगी।
राजा रानी की ,परीकथा प्यारी प्यारी बतलाऊंगी,
पलके झपका कर अब लल्ला उन बातों में तो तू खोजा।।
है देखना दुनिया परियों.........
हे लाल मेरे.....
निदिया रानी प्यारी निंदिया अब जल्दी से तुम आ जाओ,
प्यारे से स्वप्न खटोले पे धीरे से इसे सुला जाओ।
तेरे खातिर मैं लाऊंगी नन्ही प्यारी सी इक गुड़िया,
ऐ मेरे जिगर के टुकड़े अब गुड़िया के रंग में तू खोजा।
है देखना दुनिया परियों.....
हे लाल मेरे हे चांद......
मुन्ना मैं पंखा झलती हूँ अब जल्दी से तुम सो जाओ,
देखो चंदा सोने को है तुम भी सोओ न इठलाओ।
कल पूड़ी खीर पकाऊंगी उसके यादों में तू खो जा ,
है देखना दुनिया परियों की अब जल्दी से तो तू सो जा।।
हे लाल मेरे........
लेखक - अरुण कुमार शुक्ल