शिवेन्द्र सूर्यवंशी
दोस्तों इन्द्रधनुष के रंगों की मांनिद होती है एक लेखक की रचनाएं। जिस प्रकार इन्द्रधनुष में सात रंग होते हैं, ठीक उसी प्रकार लेखक की रचनाओं में भी सात रंग पाये जाते हैं। हर रंग अपने आप में एक अलग पहचान रखता है। एक उच्चस्तरीय लेख लिखने के लिए सबसे पहले एक सम्मोहक कथानक की आवश्यकता होती है, फिर इसके एक एक पात्र को मनका समझकर माला में पिरोया जाता है, जिससे पाठकों को हर एक पात्र के जीवंत दर्शन हो सके। फिर कल्पना के असीम सागर में डुबकी लगाकर मोतियों की तरह एक एक शब्द को चुनकर उनके भावों को अभिव्यक्त करना पड़ता है। तब कहीं जाकर तैयार होती है एक लेखक की रचना। दोस्तों मेरा नाम शिवेन्द्र सूर्यवंशी है। आपके लिए शायद यह लेखक व इसकी लेखनी नयी है। पर यह कलम आज से लगभग 25 वर्ष पहले से निरंतर रात की तन्हाइयों में कोरे कागज पर एक अनकही दस्तक देती चली आ रही है। यह अनकही दस्तक “रिंग ऑफ़ अटलांटिस“ नामक एक कथा श्रृंखला का रुप लेकर अब आपके समक्ष है। यह मेरा वादा है कि इस कथा श्रृंखला की हर एक पुस्तक अपने आप में अद्वितीय होगी। इस श्रृंखला की 7 पुस्तकें किंडल पर प्रकाशित हो चुकी हैं । 1) सन राइजिंग- एक रहस्यमय जहाज (प्रकाशन तिथिः 30 दिसम्बर 2020) (पहला भाग) 2) अटलांटिस- एक रहस्यमय द्वीप (प्रकाशन तिथिः 17 फरवरी 2021) (दूसरा भाग) 3) मायावन- एक रहस्यमय जंगल (प्रकाशन तिथिः 17 अप्रैल 2021) (तीसरा भाग) 4) तिलिस्मा- अविश्वसनीय मायाजाल (प्रकाशन तिथिः 15 जून 2021) (चौथा भाग) 5) देवशक्ति- अद्भुत दिव्यास्त्र (प्रकाशन तिथिः 16 जुलाई 2021) (पांचवां भाग) 6) काला मोती- ब्रह्मकण शक्ति (प्रकाशन तिथिः 5 दिसम्बर 2021) (छठा भाग) 7) देवयुद्ध- महासंग्राम गाथा (प्रकाशन तिथिः 31 मार्च 2022) (सातवां भाग) तो दोस्तों मेरा नाम आपके लिए नया जरुर है, पर मेरी लेखनी आपको नयी नहीं लगेगी। “दूसरों को
सन राइजिंग : एक रहस्यमय जहाज
हिमालय की गुफाओं से निकलकर, अटलांटिस की धरती के रहस्यों की परतों को खोलने वाली, देवताओं के द्वारा रची गयी ऐसी महागाथा, जिसे आप बार बार पढना चाहेंगे। यह कहानी है सन राइजिंग नामक एक ऐसे पानी के जहाज की जो किसी कारणवश रास्ता भटक कर बरमूडा ट्रायंगल के खत
सन राइजिंग : एक रहस्यमय जहाज
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अटलांटिस : एक रहस्यमय द्वीप
हम जब भी अटलांटिस के बारे में सोचते हैं, हमारी आँखों के सामने सागर में डूबी एक भव्य सभ्यता नजर आने लगती है। अटलांटिस देवताओं की वह धरती जिसका जिक्र सर्वप्रथम प्लेटो ने अपनी पुस्तक ‘टाइमियस’ और ‘क्रिटियास’ में किया था। कहते हैं अटलांटिस का विज्ञान आज
अटलांटिस : एक रहस्यमय द्वीप
हम जब भी अटलांटिस के बारे में सोचते हैं, हमारी आँखों के सामने सागर में डूबी एक भव्य सभ्यता नजर आने लगती है। अटलांटिस देवताओं की वह धरती जिसका जिक्र सर्वप्रथम प्लेटो ने अपनी पुस्तक ‘टाइमियस’ और ‘क्रिटियास’ में किया था। कहते हैं अटलांटिस का विज्ञान आज
मायावन: एक रहस्यमय जंगल
माया सभ्यता अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में गिनी जाती है, जिसके प्राप्त अवशेषों में भगवान शिव, गणेश और नरसिंह आदि देवताओं की मूर्तियां प्रचुर मात्रा में पायी गयी हैं। भारतवर्ष से इतनी दूर आखिर कैसे हिंदू सभ्यता विकसित हुई? यह आज भी रहस्य बना हुआ
मायावन: एक रहस्यमय जंगल
माया सभ्यता अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में गिनी जाती है, जिसके प्राप्त अवशेषों में भगवान शिव, गणेश और नरसिंह आदि देवताओं की मूर्तियां प्रचुर मात्रा में पायी गयी हैं। भारतवर्ष से इतनी दूर आखिर कैसे हिंदू सभ्यता विकसित हुई? यह आज भी रहस्य बना हुआ
तिलिस्मा: अविश्वसनीय मायाजाल
मायाजाल- एक ऐसा शब्द, जो हमारी आँखों के सामने रहस्यों से भरी पहेलियों का एक संसार खड़ा कर देता है। जहां एक ओर गणितीय उलझनें होती हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी वैचारिक पहेलियां, जिनमें उलझना अधिकांशतः लोगों को पसंद होता है। पर क्या हो? जब ऐसी उलझनों और
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देवशक्ति : अद्भुत दिव्यास्त्र
डेल्फानो ग्रह समाप्त होने के बाद, वहां के राजा गिरोट ने अपनी सबसे अद्वितीय रचना समयचक्र को पृथ्वी पर फेंक दिया, जो कि ब्लैक होल के सिद्धांतों पर कार्य करती थी। यह समयचक्र पृथ्वी पर आने के 20 वर्षों तक सुप्तावस्था में रहा। एक दिन अचानक ही यह समयचक्र अ
देवशक्ति : अद्भुत दिव्यास्त्र
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काला मोती: ब्रह्मकण शक्ति
सप्तशक्ति- ब्रह्मांड के निर्माण के लिये ईश्वर ने पहले सप्तशक्तियों का निर्माण किया। ये सप्तशक्तियां थीं- वायु, जल, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, ध्वनि और प्रकाश। इन सभी सप्तशक्तियों ने मिलकर ब्रह्मांड में उपस्थित सभी ग्रहों की रचना की। परंतु अभी भी जीवन की उत
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देवयुद्ध : महासंग्राम गाथा
जब ब्रह्मदेव ने महादेव से पृथ्वी का भविष्य जानने की इच्छा व्यक्त की, तो महादेव ने उन्हें क्षीरसागर में स्थित रुद्रासन के पास भेज दिया। ब्रह्मदेव जब रुद्रासन को ढूंढते हुए क्षीरसागर में पहुंचे, तो वहां उन्हें सप्तकणों से निर्मित सप्तपुस्तकें दिखाई दीं
देवयुद्ध : महासंग्राम गाथा
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