माना कि न थी नसीब के खाते में खुशहालियां,बर्बादियों को भी न जाने लगी ये किसकी नज़र है।
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अति सुंदर
अच्छा लिखा आपने:)🌸
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माना कि न थी नसीब के खाते में खुशहालियां,बर्बादियों को भी न जाने लगी ये किसकी नज़र है।--श्रीधर
<p><strong>कुछ बारिशों से प्यार है</strong></p> <p><strong>कुछ बादलों से प्यार है</strong></p> <p><s