गजानन गौरी नंदन
करूं मैं वंदन
विघ्न विनाशक
गणनायक जय हो!!
गणपति विनायक मूषकवाहन
उमासुत गणेश एकदंत
तुम दयावंत भगवंत
जय हो!!
वक्रतुंड लंबोदर विघ्नहर्ता
रिद्धि सिद्धि के दाता
नमन शंभुसुत
गजानन तेरी जय हो!!
प्रभु प्रथम पूज्य तुम
शुभदाता तुम गणराया
विघ्नहरण मंगलकाया
मोरिया गणपति
तेरी जय हो !!
लंबोदर मोदक प्रिय
गौरी पुत्र गणेश
ध्याऊं नित्य प्रथमेश
तुम्हारी जय हो!!
स्नेहा उपाध्याय
स्वरचित एवं मौलिक रचना