ॐ नमोह महादेवी भगवती सूर्य चंद्रा वंदेती महादेवी भगवती स्वर्णिम ललाट सोभिती महादेवी भगवती चंद्रहास चक्र है धारिति महादेवी भगवती ॐ नमोह भगवती द्विरदांतक सिंघासन विराजती महादेवी भगवती चंदचूर्ण है पहन
गजानन गौरी नंदन करूं मैं वंदनst
*माँ अम्बे स्तुति*पंचचामर छन्द121 212 12, 121 212 12नमामि मातु अम्बिके त्रिलोक लोक वासिनी!विशाल चक्षु मोहिनी पिशाच वंश नाशिनी!!समस्त कष्ट हारिणी सदा विभूति कारिणी!अनंत रूप धारिणी त्रिलोक देवि तारिणी!!सवार सिंह शेष पे महाबला कपर्दिनी!असीम शक्ति स्त्रोत मातु चण्ड मुण्ड मर्
शिवस्तुति:आज श्रावण कृष्ण त्रयोदशी / चतुर्दशी को प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि कापावन पर्व है | हम सभी ने देखा काँवड़ में गंगाजल भर कर लाने वाले काँवड़यात्री शिवभक्तों का उत्साह | न जाने कहाँ कहाँ से आकर पूर्णश्रद्धा के साथ हरिद्वार ऋषिकेश तक की लम्बी यात्रा करके ये काँवड़