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Shubham Anand Manmeet की डायरी

Shubham Anand Manmeet

4 अध्याय
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shubham anand manmeet kii ddaayrii

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पुस्तक के भाग

1

प्रेम अनुभूति

21 मई 2024
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प्रेम अपने साथ बहुत कुछ हर ले जाता है। आंखों की नींद। मन का सुकून। खुद की परवाह। बदले में दे जाता है। आंखों में, समंदर भरके आंसू । और कभी ना खत्म होने वाला एक अदद अकेलापन Shubham Anand Manm

2

कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती

21 मई 2024
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कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती, जब एक मासूम सा दिल टूटता.. मन के भीतर शोर होता बाहर नीरसता पसरी होती, जीवन से मोह नही पर मर नही सकते, कायर थोड़े हैं.. अन्न का हर निवाला फिर आँ

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प्रेम अब खंडित रहेगा।

31 मई 2024
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मिल रही थी भाग्य रेखा किंतु इनको मोड़ डालाएक पल सोचा नहीं और बन्धनों को तोड़ डालामौन अधरों ने किये थे अनकहे संवाद तुमसेव्यर्थ था लेकिन मेरा इतना सरल अनुवाद तुमसेमिल के बिछड़े खग युगल ये,सर्वदा चर्चित रहे

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एक साथी ऐसा भी

3 जून 2024
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होना चाहिए____एक साथी ऐसा भीज़िन्दगी में जो अलग हो दायरों से..सामाजिक रिवाज़ों से,बाँटते समय जिससे अपना अंतर्मन,ये ख्याल ही न आये किवो सखी है या सखाजो समझे आपको..आपकी ही तरहजिससे मिलकर लगे..जैसे हो गय

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